शाहिद अंसारी
मुंबई:महाराष्ट्र के सतारा ज़िले के फलटन पुलिस थाने के 10 पुलिस वालों के खिलाफ़ महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन ने अवैध रूप से हिरासत में रख कर एक शख्स को पीटने के मामले में 25000 रूपए के दंड के साथ साथ उन पर मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया है।
घटना 12 सितंबर 2013 की है सतारा ज़िले की है जब एक टूर ट्रावेल के मालिक अर्जुन मारूती कालुखे ने अपने ड्राइवर को 5000 हज़ार रूपए गाड़ी में पेट्रोल भरने के लिए दिए और ड्राइवर नें 3000 रूपए का पेट्रोल भरवा कर 2000 रूपए अपनी जेब में रख लिया।इस पर मालिक अर्जुन ने उसे ऐसा न करने की चेतावनी दी।चेतावनी के बाद ड्राइवर ने फलटन पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर पहले एक झूटी एन.सी लिखाई।एन.सी के आधार पर अर्जुन और उनके साथ एक और शख्स को गैर कानूनी तरीके से लॉकप में बंद कर ड्युटी ऑफ़ीसर राजेंद्र मोरे समेत 10 पुलिस वालों ने उन्हें लात घूंसों से पीटा।अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने को लेकर पुलिस वालों ने पुलिस थाने में इसकी एंट्री तक नहीं की।इसी एन.सी के आधार पर पुलिस वालों ने उनके खिलाफ़ तड़ीपार की प्रक्रिया भी शूरू कर दी।
इस वारदात को लेकर जब पुलिस वालों से पूछ ताछ की गई तो पुलिस वालों ने साफ़ इंकार कर दिया और वारदात को लेकर हाथ खड़े कर लिए।लेकिन पुलिस की चोरी उस वक्त पकड़ी गई जब उसी रात एक वरिष्ठ अधिकारी ने रात में ही पुलिस थाने का दौरा किया और उन्होंने पुलिस थाने में मौजूद लॉकप में में बंद किए हुए अर्जुन की मौजूदगी को स्टेशन डायरी में लिखा दिया।इस मामले में घटना में शामिल ड्युटी ऑफ़ीसर राजेंद्र मोरे महाराष्ट्र के दोंड इलाके में ट्रेनिंग सेंटर में बतौर डी.वाई एस.पी तैनात हैं।जिनके खिलाफ़ ह्युमन राइट कमीशन ने 25000 का दंड और इस वारदात में शामिल सारे पुलिस वालों के खिलाफ़ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
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