शाहिद अंसारी
मुबंई:पैसों की काला बाज़ारी में जहां ED ने छगन भुजबल को गिरफ्तार किया है गिरफ्तारी के बाद से ही छगन भुजबल ज़मानत के लिए छटपटा रहे हैं।भुजबल की इस गिरफ्तारी को लेकर राजेश पांचल नाम के एक वकील ने महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन में ईडी के अधिकारियों और ईडी के सरकारी वकील पर आरोप लगाते हुए शिकायत की है कि भुजबल की गिरफ्तारी पूरी तरह से गैर कानूनी है यह ED की यह गिरफ्तरी मानव अधिकार के नियमों का पूरी तरह से उल्लघन कर रही है।
Bombay Leaks से बात करते हुए पांचल ने कहा कि इस तरह की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेश जारी किए हैं जिनका पालन हर एक को करना ज़रूरी है।सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में ऐसा आदेश जारी किया है कि जहां तक हो सके किसी को भी फैसले से पहले गिरफ्तार नहीं करना चाहिए और बिना उसे गिरफ्तार किए ही मामले की जांच करनी चाहिए।उन्होंने जोगिंदर शर्मा केस का हवाला देते हुए यह बात कही है उसके अलावा हत्या के मामलों मे भी सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसले से पहले जांच के दौरान ज़मानत दी है।हाल ही में अरनेश कुमार का एक फैसला सामने आया था जिसमें कहा गया है कि जिस मामले में 5 साल तक की सज़ा है उस मामले मे संबंधित जाँच एजेंसी को किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए।इसके साथ साथ उन्होंने टू जी घोटाला मामले में सुरेश कलमाड़ी की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भी यह आदेश जारी किया था कि जब तक गुनाह सिद्ध नहीं होता तब तक वह निर्दोष हैं और तबतक उन्हें गिरफ्तार ना किया जाए।अगर छान बीन करनी है तो संबंधित जांच एजेंसी आरोपी को नोटिस देकर बुलाऐं।
पांचल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने के बाद भी संबंधित एजेंसी ED भुजबल को गिरफ्तार कर मानव अधिकार के नियमों का उल्लघन कर रही है।सरकारी वकील का भी यही काम है कि वह देश के कानून के दाएरे में रहे उन्हें कानून का उल्घन करने का अधिकार नहीं है।इसलिए उन्होंने मानव अधिकार के उल्लघन किए जाने के आरोप में ED और उनके सरकारी वकील और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ़ महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन में शिकायत की है।इस शिकायत को लेकर हमने मुंबई ईडी डायरेक्टर सत्यब्रत कुमार से उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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