शाहिद अंसारी
मुंबई:बीएमसी के ख़िलाफ़ एक शख़्स को ऐंटी करप्शन ब्युरो में शिकायत करना इस वक़्त भारी पड़ गया जब बीेएमसी ने इस शिकायत के बाद उनके घर पर तोड़क कार्रवाई करदी।घर तोड़ने के मामले में शिकायतकर्ता ने महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन की दहलीज़ पर दस्तक देते हुए आरोप लगाया है कि बारिश के मौसम में उनके घर पर बीएमसी ने तोड़क कार्रवाई की है जबकि उन्होंने बीएमसी को ऐसे मौसम मे तोड़क कार्रवाई ना करने का सर्कुलर भी दिखाया लेकिन बीएमसी ने उसे नज़र अंदाज़ कर अपना हथौड़ा चला दिया।जिसके बाद शिकायत कर्ता ने ह्युमन राइट्स कमीशन से मदद की गुहार लगाई है।
मुबंई के भांडुप इलाके में रहने वाले राम पाल का घर बीएमसी ने गैर कानूनी घोषित कर तोड़ दिया लेकिन इस तोड़क कार्रवाई का शिकार केवल वही हुए क्योंकि उन्हों कुछ दिन पहले बीएमसी के इंजीनियर के खिलाफ़ रिश्वत मांगने की शिकायत ऐंटी करप्शन ब्युरो में की थी जिसके बाद ऐंटी करप्शन ब्युरो ने इंजीनियर योगेश पंडित को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।इंजीनियर के साथ साथ बीएमसी के स्थानी दलाल रंजीत यादव भी को भी ऐंटी करप्शन ब्युरो ने गिरफ्तार किया था।
घटना 24 जूलाई 2015 की है जब पीड़ित राम पाल ने भांडुप स्तिथ अपने घर की मरम्मत कराई थी जिसके बाद बीएमसी कर्मचारी और उनके दलालों की ओर से पैसों की लगातार मांग की जारही थी।परेशान होकर उन्होंने ऐंटी करप्शन ब्युरो मे शिकायत दर्ज कराई और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
ताज्जुब इस बात का कि इस इलाके में 1000 हज़ार घर मौजूद हैं और हर एक अपने घर की हालत देख मरम्मत करवाते हैं लेकिन राम पाल के घर के खिलाफ़ तोड़क कार्रवाई इसलिए की गई कि उन्होंने ऐंटी करप्शन ब्युरो मे जो शिकायत दर्ज कराई थी।चूंकि इस कार्रवाई मे खुद बीएमसी का रिश्वत खोर इंजीनयर योगेश पंडित गिरफ्तार हुआ था।
पाल ने कहा कि मैने कई लोगों के खिलाफ़ बीएमसी मे शिकायत की लेकिन बीएमसी ने उनके घर पर किसी तरह की की कार्रवाई नही की लेकिन हज़ार लोगों के घर में से केवल उनके घर पर तोड़क कार्रवाई की गई।
इस बारे में बीएमसी पक्ष जानने के लिए एस वार्ड की मौजूदा वार्ड ऑफीसर चंद्रा जाधव को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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