शाहिद अंसारी
मुंबई : मुंबई के भाईखला जेल में कैदी मंजू शेटी की मौत का कारण आप जानकर हैरान हो जाऐंगे कि इस जेल में कैदियों के साथ कैसा सुलूक किया जाता है और यहां किसी भी कैदी की मौत कितनी सस्ती है जो मात्र 10 रूपए के अंडा पाव के लिए निर्वस्त्र कर के पीटी ही नहीं जाती बल्कि महिला जेलकर्मी खुद उसके गुप्तांग में लाठी डाल कर मारा जिसकी वजह से वह मौत के मुंह में चली गई।
इस बारे में 27 वर्षी कैदी शिकायतकर्ता मरियम शेख जो कि जेल में कैद हैं उन्होंने जो बयान नागपाड़ा पुलिस को दिया वह बयान बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देता उस बयान को पढ़ने के बाद आप यह अंदाज़ा नहीं लगा पाऐंगे कि आखिर इस जेल में ज़ुल्म की सीमा क्या है।एक एक शब्द ध्यान से पढ़ें फिर आपको पता चल जाएगा कि जेल के वरिष्ठ अधिकारी एक थप्पड़ मारने की बात कर रहे थे वह कितना बड़ा झूट है झूट ही नहीं बल्कि इंसानियत के साथ मज़ाक है।जिसे पढ़ने के बाद आप सोचेंगे कि जुल्म के मामले में यह जेल क्युबा की ग्वांतानामो जेल को भी पीछे छोड़ चुकी हैं।
27 वर्षी कैदी शिकायतकर्ता मरियम शेख का बयान
दिनांक 23/06/2017 को सुबह 8 बजे कैदी वार्डन मंजू शेटी ने अंडा और पांव सारे कैदियों को बांटी उसके बाद दो अंडा और पांच पाव कम पड़ गया इसकी वजह से जेलर मनीषा परवरकर (उम्र 30 साल) ने खरी खोटी सुनाते हुए उसे चेतावनी दी थी उसके बाद कैदियों से मुलाकात का समय हुआ 10.30 बजे मंजू अपने रिश्तेदारों को मिलने के लिए गई।उसके बाद जेलर मनीषा परवरकर आई उस दौरान महिला आफिस के पास वार्डन मंजू को जेलर मनीषा परवरकर महिला कांस्टेबल सुरेखा गुलवे ने उसे दो अंडे और पांच पाव दे कर चले गए इसके बाद वार्डन मंजुला को 6 लोगों ने जिनमें जेलर मनीषा परवरकर , महिला कांस्टेबल सुरेखा गुलवे , ,वसीमा शेख ,शीतल शेगांवकर,बिंदू नाइकड़े,आरती शिंगे ने बुलाकर उसे नंगा किया और मारना शुरू कर दिया।नंगा करने का बाद बिंदु और सुरेखा ने मंजू के दोनों पैर पकड़ लिए और उसके बाद वसीमा शेख ने उसके गुप्तांग में लाठी डाल दी इस दौरान मंजुला चीख रही थी जेल में उसकी चीखें गूंज रही थीं और सारे कैदी सुन रहे थे आवाज़ इतनी तेज़ थी कि यह चीख सारे कैदियों के कानों तक जा रही थीं लेकिन डर और खौफ के मारे सारे कैदी दुबके बैठे थे।मैंने यह अपनी आंखों से देखा हमने उसे छोड़ाने के लिए गए तो हमें भी धमकाया गया कि अगर तुम छुड़ाने आए तो वैसे ही मारेंगे (गुप्तांग में लाठी डाल कर) इसलिए हम कोई भी उसे छुड़ाने के लिए नहीं गए सिर्फ़ देख रहे थे।
उसके गुप्तांग से खुन निकल रहा था उसके बाद उसी बैरक में वह सो गई और शाम 7 बजे वार्डन मंजू ने मुझे बाथरूम तक साथ चलने के लिए कहा उस दौरान मैं और रंजना ने बाथरूम तक उसे ले कर गए वह बाथरूम में बेहोश हो कर गिर गई और उसने बेहोशी की हालत में वहीं लैटरिंन भी कर दी।हम दोनों ने उसे पानी से साफ कर दिया और बेहोश है यह जानकारी जेलकर्मी कविता पूजा और भारती को दे दी उसके बाद उन्होंने उसके तरफ ध्यान नहीं दिया।ध्यान न देने की वजह से उन्होंने वार्डन मंजू को उठाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उठा उसके जिसके बाद महिला कांस्टेबल कविता पूजा और भारती और जेल के डाक्टर खान को बुलाया गया।खान के आने के बाद उसे चेक किया और उसे हास्पिटल में ले जाने के लिए कहा गया उसके बाद जेल अधिकारी बाविस्कर और दूसरे लोग वार्डन मंजू को लेकर हास्पिटल गए फिर दूसरे दिन दिनांक 24 को 9 बजे सब को पता चला कि उसकी मौत हो गई है।उसके बाद हमने और दूसरे कैदियों ने अधिकारियों से पूछा कि वह कहां है उसे लेकर आओ लेकिन इस बारे में अधिकारियों ने किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया उस से हमें विश्वास हो गया था कि उसकी मौत हो गई है क्योंकि हम बार बार बोल रहे थे कि मंजू को लेकर आओ लेकिन यह सब चुप्पी साधे थे।हमें समझ गया कि अंडा पाव का हिसाब न देने की वजह उससे बदला लिया गया वह बदला हत्या और मौत की शकल में था।
यह बयान नागपाड़ा पुलिस थाने में दर्ज किया गया और फिर पोस्टमार्टम रिपार्ट में इस बात का पता चला कि उसकी मौत हार्टअटैक से नहीं बल्कि उसे निर्वस्त्र कर के जानवरों के जैसे पीटने और उसके गुप्तांग में लाठी डालने की वजह से ही हुई है।यह बयान आपको अभी पता चला लेकिन पुलिस को तो यह पहले से है पता था उसके बावजूद नागपाड़ा पुलिस अभी भी उन आरोपियों को नही गिरफ्तार कर रही शायद वह इस बात का इंतेज़ार कर रहे कि यह सारे आरोपी फ़रार हो जांए ताकि पुलिस कार्रावई के नाम पर लीपा पोती कर सके।
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