मुंबई :मुंबई राज्य सरकार की ओर से SBUT का काम बंद किए जाने के बाद मुंबई के चोर बाज़ार के चिंदीचोरों की चांदी हो गई है क्योंकि लंबे से समय से SBUT की शिकायत न चिंदीचोरक और वसूलीबाज़ों की ओर से की जा रही थी लेकिन SBUT का बाल भी बाका करने में यह सारे चिंदीचोर असफल रहे क्योंकि स्थानी पुलिस थाने से लेकर बीएमसी की ओर स SBUT को पूरा समर्थन मिल रहा था यही कारण था कि इन झोलर चिंदीचोरों के कोई भी फंडे पर पुलिस या बीएमसी के सर पर जूं तक नहीं रेंगती थी लेकिन महाराष्ट्र असेंबली में जब इस बात की चर्चा हुई तो बीएमसी को मजबूरन इस काम को बंद कराना पड़ा।
हांलाकि बीएमसी ने अपने स्टापवर्क नोटिस में इस बात का उल्लेख किया है कि यहां का प्लान बदला गया है और कई सारे नियमों को ताक पर रखा गया है लेकिन हैरानी इस बात की है की अब तक चल रहे काम को लेकर तत्कालीन सरकार को कई आपत्ती नहीं थी सरकार बदलते ही सारे नियम कायदों के उल्लघन किए जानी की बातें सामने आने लगें।
वहीं दूसरी ओर SBUT ने स्प्ष्ट कर दिया है कि उन्होंने किसी तरह के कोई नियम कायदे का उल्लघन नहीं किया लेकिन बीएमसी की ओर से स्टॉपवर्क नोटिस के कारण उन्होंने काम रोक दिया है उन्होंने कहा है कि उनकी ओर से बीएमसी और सरकार को पूरा सहयोग किया जा रहा है।
अब ऐसे में चिंदीचोरों और वसूलीबाज़ों की फौज यह साबित करने में लगी है कि इस काम को उनकी शिकायत पर बंद किया गया है चिंदीचोरों की फहरिस्त में इन दिनों जो नाम सब से ऊपर है उनमें नफीस दिल्ली का नाम सब से पहले है नफीस का कहना है कि फड़णविस उसके बचपन का दोस्त है जो भी काम बंद हुआ उसे उसने ही बंद कराया है उसने फड़णविस को को कह कर काम बंद कराया है जबकि दूसरा चोर बाज़ार का चिंदीचोर मम्मू दिल्ली है उसका कहना है कि काम उसने बंद कराया है क्योंकि उसका फड़णविस के साथ उठना बैठना है इसलिए सत्ता आने के बाद उसने फड़णविस से काम बंद कराया है जबकि और भी कई झोलर हैं जिन में अम्मार और सलमान काज़ी का नाम सामने आ रहा है इन लोगों का कहना है कि काम इन्होंने बंद कराया है क्योंकि एसबीयूटी इनका कहना नहीं मानती थी इसलिए यह नाराज़ होगए।
बहेर हाल जितने चिंदीचोर उतनी बातें सामने आरही हैं लेकिन सही माने तो sbut का काम बंद होने में इन चिंदीचोरों का कोई रोल नहीं है इलाके में भौंकाल टाइट करने के लिए यह सारे चिंदीचोर इसी तरह से अपना राग अलाप रहे हैं।
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