बॉम्बे लीक्स , महाराष्ट्र
शिव सेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को तटीय रत्नागिरी जिले के बारसू के स्थानीय लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने तेल रिफाइनरी को गुजरात ले जाने और पड़ोसी राज्य से अच्छी परियोजनाओं को महाराष्ट्र लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी तरह का प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत करना चाहिए।
गौरतलब है कि बारसू में तेल रिफाइनरी पर यू-टर्न लेते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रारंभिक सर्वेक्षण के बाद बेशक उन्होंने ही तेल रिफाइनरी के वैकल्पिक स्थान के रूप में बारसू का सुझाव दिया था फिर भी इस परियोजना का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों की राय पर विचार किया जाना चाहिए। हालांकि, इस मुद्दे पर उनकी पार्टी बटी हुई नजर आ रही है। ठाकरे और उनकी पार्टी बेशक बारसू में प्रोजेक्ट के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में खड़े हैं, लेकिन पार्टी विधायक राजन साल्वी ने परियोजना का समर्थन किया है।बता दें कि इस मसले पर स्थानीय लोगों का एक वर्ग रिफाइनरी का विरोध कर रहा है। दरअसल, उन्हें लगता है कि यह तटीय कोंकण क्षेत्र की जैव विविधता पर प्रभाव डालने के साथ उसकी आजीविका को भी प्रभावित करेगा।उद्धव ठाकरे ने कहा- “वेदांत-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस चले गए हैं। अब इस परियोजना को गुजरात ले जाओ और पड़ोसी राज्य से अच्छी परियोजनाओं को महाराष्ट्र में लाओ।उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब वह राज्य के सीएम थे तब इसी तरह का विरोध समृद्धि हाईवे बनाने के दौरान भी हुआ था। हमने उस समय प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और विकास को बिना नुकसान पहुंचाए हमने एक रास्ता निकाला था। ठाकरे ने कहा कि सरकार को कोई भी परियोजना शुरू करने से पहले स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए। स्थानीय लोगों का एक वर्ग इस आधार पर रिफाइनरी का विरोध कर रहा है कि यह तटीय कोंकण क्षेत्र की संवेदनशील जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और उनकी आजीविका को भी प्रभावित करेगा।ठाकरे ने कहा, “वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस परियोजनाएं जा चुकी हैं। इस परियोजना को गुजरात ले जाएं और अच्छी परियोजनाएं महाराष्ट्र में वापस लाएं।इससे पूर्व पार्टी से जुड़ी ट्रेड यूनियन की वर्षगांठ पर ठाकरे ने कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री होते तो स्थानीय लोगों को भरोसे में लेकर ही इस परियोजना को आगे बढ़ाते। बता दें कि मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे ने ही केंद्र से नानार के बजाय बारसू में रिफाइनरी बनाने की संभावनाएं तलाशने का अनुरोध किया था। अब बारसू में स्थानीय लोग रिफाइनरी बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भू-माफियाओं ने आसपास की जमीन खरीद ली है और अब इसे बेचने पर उन्हें कई गुना ज्यादा कीमत मिलेगी। उनके मुताबिक, नानार में भी ऐसे मामले सामने आए थे। उम्मीद है कि इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए ठाकरे जल्द ही बारसू का दौरा करेंगे।
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