बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। मुंबई में आज यानी 24 अक्टूबर को एयर क्वालिटी का आंकड़ा 163 AQI तक पहुंच गया है।इसका असर लोगों की स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। काफी ज्यादा संख्या में लोगों के बीच से खांसी और वायरल इंफेक्शन की शिकायतें आ रही हैं।
गौरतलब है कि मुंबई में प्रदूषण का स्तर खराब होता जा रहा है। पर्यावरणविदो के मुताबिक मुंबई महानगर में हो रहा कंट्रक्शन भी प्रदूषण स्तर को काफी बढ़ा रहा है। देखा जाए तो मुंबई में लगातार हो रहे निर्माण कार्य के चलते धूल-मिट्टी अधिक होती है। कंस्ट्रक्शन साइट पर पानी का इस्तेमाल ज्यादा नहीं होने के चलते धूल-मिट्टी पर्यावरण में घूल जाती है। ऐसे में शहर के पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता रहता है।देखा जाए तो बढ़ते प्रदूषण के बीच इन दिनों एक अजीब सी बीमारी का प्रकोप छाया हुआ है।इस बीमारी के शुरुआती लक्षण में सामान्य बुखार है। यह बीमारी कम समय में काफी ज्यादा लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मलेरिा, चिकनगुनिया और दूसरे इंफेक्शन में जिस तरीके से मरीजों का टेस्ट किया जाता है।इसमें भी किया जाता है।बीवाईएल नायर के चिकित्सक ने टीओआई को बताया कि बुखार के साथ चकत्ते अक्सर डेंगू की ओर इशारा करते हैं,लेकिन जब डेंगू का टेस्ट किया जाता है तो रिपोर्ट नेगेटिव आता है। यह अजीब सा बुखार दो महीने पहले से ही दिखना शुरू हुआ है।चिकित्सको के मुताबिक मुंबई में पनप रही बीमारी में बुखार के साथ दाने चौथे या पांचवें दिन शरीर पर दिखने लगते हैं।और यह दाने कम समय तक ही शरीर पर दिखाई देते हैं।आमतौर पर ये एक से 2 दिन तक ही दाने शरीर पर दिखाई देते हैं। इस दौरान व्यक्ति को जोड़ों में दर्द होता है।एक दूसरे डॉक्टर डॉ प्रतीत समदानी ने कहा कि यह सामान्य बुखार पर अपनी राय साझा की और कहा कि वायरल बुखार और इन्फ्लूएंजा समय के साथ अलग-अलग व्यवहार करते हैं। कभी-कभी, विभिन्न प्रकार की स्थितियों के लिए रोगियों का परीक्षण किया जाना चाहिए।वहीं मुंबई में बिगड़ती हवा को लेकर नगर निगम भी बेहद गंभीर है।नगर निगम मुंबई में अलग-अलग जगहों पर एंटी स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंकर्ल से धूल -मिट्टी कम करने की कोशिश कर रहा है।इसको लेकर बीएमसी द्वारा गाइडलाइन भी जारी की गई है। बीएमसी के मुताबिक भी कंस्ट्रक्शन साइट पर 35 फीट ऊंचे लोहे की चादर के घेरे अनिवार्य किए गए हैं।एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले निर्माण स्थल के लिए लोहे की चादर का घेरा 25 फीट ऊंचा होगा।निर्माणाधीन भवन को हरे कपड़े/जूट की चादर/तिरपाल से घेरा जाएगा। बीएमसी 50 से 60 प्रमुख सड़कों पर एंटी-स्मॉग गन चलाएगी।रिफाइनरियों, पावर प्लांट और आरसीएफ के कारण होने वाले प्रदूषण की जांच इस क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी।
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