ए. नक़वी
मुंबई :शबे-ए-बरात की रात मुंबई पुलिस ने लॉ ऐंड ऑर्डर बेहतर बनाए रखा जिसकी वजह से किसी प्रकार की कोई दिक्कत मुंबई में पेश नहीं आई लेकिन भाईखला में एक जगह कुछ टपोरियों ने पुलिस की मौजूदगी में पत्रकार शाहिद अंसारी से रंगबाज़ी दिखाने की कोशिश की हैरानी इस बात की वहां मुंबई के भाईखला पुलिस थाने के डफल नाम के अफसर की मौजूदगी में यह सब हुआ वह टपोरियों को रोकने के बजाए उन्हें शह देते नज़र आए। दरअसल शबे बरात को देखते हुए नारियल वाड़ी कबरिस्तान की ओर जान वाले रास्ते को बाइक सवारों के लिए बंद करि दिया गया केवल आस पास जाने वालो के पुलिस आईकार्ड देख कर छोड़ रही थी कारण था की बाईक से कबरिस्तान तक जाने से ट्राफिक की दिक्कत न पैदा हो।
अंसारी ने बताया की 19 मार्च को 2 बजे के आस पास वह भाईखला से जा रहे था तभी एक टोपी पहने सफेद रंग के कुर्ते में टपोरी युवक आया उसने पूछा कहां जाना है आईकार्ड दिखाओ अंसारी ने इस बात पर उससे कहा कि पुलिस मौजूद है पुलिस आईकार्ड देखे और वह पूछ ताछ करे उसने कहा कि नहीं आईकार्ड चेक करने के लिए अपुन इधर खडेला है पुलिस ने अपुन को पूछ ताछ के लिए रखेला है अंसारी ने कहा कि मैं पुलिस को दिखाऊंगा तुम्हें नहीं।
उसी दौरान वहां पर डफल नाम के अफसर आए डफल से अंसारी ने कहा कि आप चेक करें यह कौन हैं जिस पर डफल ने कहा कि ठीक है मुझे दिखाओ इसी दौरान तीसरा एक लड़का काले कपड़े में मौजूद उसने कहा ज्यादा बोल मत तेरा बिना देखे मैं छोडेगा नहीं मैं जानता है तू कौन है मेरे को कमिश्नर ने स्पेशल पावर दियेला है तेरे को मैं हीच चेक करेगा। इस पर मैं ने डफल से कहा कि इसे चुप कराओ कौन है यह लेकिन यह बोलने के बाद डफल ने उसे चुप कराने के बजाए शह देते नज़र आए मामला इस तरह का देख मैंने पुलिस थाने का रुख किया पुलिस थाने में मौजूद अफसर ने कहा कि वह वॉलिटयर थे उन्हें रखा गया है मैंने उनसे पुछा कौन लोग हैं क्या बैकग्राउंड है क्या उन्हें यह अधिकार है मेरा आईकार्ड चेक करने का ड्युटी आफीसर को मैंने अपना आईकार्ड चेक कराया उसके बाद उन्होंने कहा कि मैं आपके साथ कांस्टेबल भेजता हूं आपको कोई दिक्कत नहीं होगी इसी दौरान मैंने डीसीपी डहिया को इसकी जानकारी दी और उन्हें वॉलेटिंयर रूपी टपोरियों की हरकतों से आवगत कराया जिसपर उन्होंने कहा कि वह बात कर रहे हैं मैंने इस पूरे मामले की शिकायत मुंबई पुलिस के ट्युटर पर भी की जहां से तुरंत रिस्पॉंस भी मिला।
अंसारी ने बताया कि उन्होंने इस बारे में पता किया तो पता चला कि काले कपड़े पहना हुआ मुंबई पुलिस का टपोरी वॉलेटियर का नाम काशिफ अजमेरी था जो डफल नाम के अफसर की शह पर उछल कूद कर रहा था काशिफ अजमेरी वही है जो उसके किसी करीबी भूमाफिया की खबर लिखने पर बीते पांच साल से मेरी हत्या करने की प्लानिंग कर रहा है इस पांच सालों में उसने मेरी फैमिली को टारगेट करने के लिए फैमली की महिलाओं के कपड़े सिलने वाले टेलर से लेकर कई अन्य लोगों से पूछ ताछ कर रहा है, कि मैं कितने बजे कहां जता हूं, चाय पीने कहां जाता हूं, किससे मिलता हूं मेरे संपर्क में कौन कौन से लोग हैं मैं कहां रहता हूं चूंकि मुझे नहीं मालूम था कि यह कौन है लेकिन रात की वारदात के बारे में उसने कई लोगों को फोन कर के बताया कि आज शाहिद अंसारी मिला था साला बच गया नहीं तो रात में ही उसका हम लोग मर्डर कर के काम तमाम कर देते जिसके बाद पता चला कि यह काशिफ अजमेरी नाम का वालेंटियर रूपी टपोरी है। जो अपने आपको उभरता हुआ क्षेत्री दादा समझता है।
कौन है काशिफ अजमेरी
मुंबई के भाईखला इलाके का रहने वाला टपोरी जो खुद को किसी भू माफिया का करीबी बताता है जिस भू माफिया के काले कारनामों के बारे में अंसारी ने 2015 में रिपोर्टिंग की थी जिसके बाद से यह तिलमिलाया हुआ था चूंकि उस रात उसने अंसारी को पहचान लिया था और पुलिस की मौजूदगी रही और डफल नाम के अफसर का उसे पूरा समर्थन मिल रहा था इसलिए उसने इस मौके का फाएदा उठाने की कोशिश की लेकिन अंसारी ने समझदारी दिखाते हुए पुलिस थाने का रुख किया क्योंकि अगर कोई अफसर इस तरह के वालेंटयर रूपी टपोरी का समर्थन करेंगे तो यह ज़रूरी नहीं की दूसरे अफसर भी ऐसे हों।मुंबई पुलिस में अगर काली भेड़ें हैं तो ईमानदार और फर्जशानाश और ऐसे टपोरियों को उनकी अवकात बताने वाले अफसर भी मौजूद हैं।
हम ने इस बारे में पता किया कि वॉलेटिंयर के लिए तैनेत टपोरियों में किस किस का कैरेक्टर सर्टिफिकेट पुलिस थाने से जारी हुआ तो पता चला किसी का भी नहीं क्योंकि हाल ही में सीपी संजय पांडे ने आनलाईन डिलिवरी करने वालों के कैरेक्टर सर्टिफिकट जरूरी करार दिया था ताकि उनका उनका बैकग्राउंड पता चल सके।
एडोकेट शौकत अली बेडगिरी ने कहा है कि पुलिस को इस प्रकार से किसी भी मौके पर किसी का भी आईकार्ड चेक करने के लिए किसी भी वॉलेटिंयर को अधिकार नहीं देना चाहिए वह भले ही किसी पुलिस अफसर के करीबी ही क्यों न हों क्योंकि इनमें से किसी का कैरेक्टर सर्टिंफिकट या उनका बैकग्राउंड किसी को मालूम नहीं ऐसे में यह किसी खतरे से कम नहीं और यह बड़े ही शर्म की बात है कि इन लोगों से किसी अफसर के संबध होने के कारण वह अफसर उन्हें मना करने के बजाए उन्हें खुश करने और शह देने में लगा है अगर टपोरियों के अनुसार वह काम तमाम करने की जो बात कर रहे थे अगर ऐसा पुलिस की मौजूदगी में होता तो यह पुलिस महकमा के लिए शर्म की बात है।
बेडगिरी ने पुलिस कमिश्नर से अपील की है कि किसी भी मौके पर किसी भी वॉलेंटयर को तैनात करने से पहले उन्हें भी कैरेक्टर सर्टिफिकिट इशू करने का आदेश पारित करें ताकि इस प्रकार के पुलिस के टपोरियों से जनता को मुक्ति मिले इन्हें केवल चाय पिलाने और पानी पिलाने जैसी सेवा के लिए ही रखना चाहिए।
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