मुंबई : मुंबई के समुंद्र तट से समुंद्री केचुए (Sea Wormes /Lugworms) की बड़े पैमाने पर तस्करी और कालाबाज़ारी की जा रही है इस गोरख धंधे में समुंद्री माफिया और तस्कर हर महीने करोड़ों की काली कमाई करते हैं हैरानी की बात यह है कि मुंबई के इस समुंद्र पर अब तक किसी भी जांच एजेंसी की नज़र तक नहीं गई। मुंबई के ताड़देव पुलिस थाने की हद मे हाजी अली दरगाह से सटे समुंद्री तट से रोज़ाना पचासों किलो समुंद्री केचुवे जमीन से निकाल कर एकट्ठा कर के इसे मुंबई से वियज वाड़ा भेजा जाता है।
कैन है तस्कर गैंग
हाजी अली दरगाह के आस पास काम करने वाले वह लोग जिन्होंने समुंद्र में छुपे इन केचुओं को निकालना शुरु किया और इसकी तस्करी शुरु कर दी चूंकि इसमें मोटी कमाई है जिसकी वजह से लंबे अर्से से हाजी अली समुंद्री तट पर कटिया पल्ली स्वामी और उसके सहयोगी मुहम्मद जो की जीजा माता मे रहता है इसके अलावा बाल्केश्वर समुंद्री तट पर मुहम्मद इकबाल उर्फ़ मारिया मुश्ताक और सलमान सलीम सय्यद उर्फ बियो सलीम बिल्डर ग्रुप यह पूरी गैंग अरब सागर के तटवर्ती क्षेत्र में अपना कबज़ा जमाए हुए हैं जहां समुंद्र मे पानी कम होने के बाद तट की खुदाई कर के केचुवों को एकट्ठा किया जाता है।
कैसे भेजा जाता है विजयवाड़ा
दरअसल तट से एकट्ठा करने के लिए उन्हें ढूंढने के लि हर तट पर जब तट से पानी धूर होजाता है तो उसे खोट कर निकालते हैं और यहां हाजी अली तट पर उसे 500 से एक हज़ार रुपए किलो केचुवा तस्कर खरीदते हैं और यहीं थर्माकोल के डब्बे में इसे पैक किया जाता है और यहां से सीएसटी से ट्रेन द्वारा विजय वाड़ा भेजा जाता बै विजय वाड़ा में इसे 3000 से लेकर 4000 रुपए किलो बेचा जाता है चूंकि पहले एलटीटी से भेजा जाता था लेकिन लॉकडाउन के कारण सीएसटी से भेजा जाने लगा।
अवैध है इसकी तस्करी
इसकी तस्करी अवैध है चूंकि इसमें कोरड़ों रूपए की काली कमाई है जिसकी वजह से तस्कर सक्रीय हैं पिछले साल चेन्नई में 150 किलो समुंद्री केचुए की तस्करी करने के मामले में 8 लोगों के खिलाफ़ जैवविविधता अधिनियम, 2002 (biological Act 2002)के तहेत मामला दर्ज कर के उन्हें गिरफ्तार किया गया था। चूंकि कमर्शियल उद्देश्य से इसे खरीदना और बेचना दोनों प्रतिबंधित है लेकिन मुंबई से विजयवाड़ा धड़ल्ले से इसका कारोबार किया जा रहा और हर महीने तस्करों की इससे करोड़ो की कमाई होती है।
कहां इस्तेमाल होता है
इसे फार्मिंग में मच्छलियों और झींगे और दूसरे जन्तुओं को खिलाया जाता है जिससे वह समय से पहले बड़े हो जाते हैं।
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