बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
राजस्थान समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर तारीखों का एलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार राजस्थान में 23 नवंबर का दिन मतदान के लिए तय हुआ है। इसके बाद 3 दिसंबर को रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। विधानसभा चुनावों के एलान होते ही बीजेपी ने राजस्थान की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 41 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है। सात सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी मिली है तो वहीं कुछ के टिकट कटने से बगावती तेवर देखने को मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सोमवार को 41 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इनमें 39 वो सीटें है जिन पर भाजपा प्रत्याशी साल 2018 का चुनाव हार गए थे। वहीं 11 सीटों पर भाजपा पिछले तीन चुनाव में हारी थी।ऐसे में राजस्थान में प्रदेश भाजपा के नेताओं के लिए इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सूची में भाजपा आलाकमान की ओर से करवाए गए सर्वे और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) की सलाह को प्राथमिकता दी गई है। भाजपा ने छह लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को टिकट देने के साथ ही एक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी को भी प्रत्याशी बनाया है।सूची में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जिन लोगों को टिकट दिए गए थे, उनमें से 29 के टिकट काट दिए गए हैं। अर्थात 29 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने वालों के स्थान पर नये चेहरे उतारे गए हैं। गुर्जर आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले स्व.कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को उनियारा सीट से टिकट दिया गया है।बता दें कि राजस्थान से भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे बीएल भाटी ने पार्टी के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी है।भाजपा नेता बीएल भाटी की निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।भाटी टिकट वितरण को लेकर नाराज चल रहे थे।बुधवार शाम उन्होंने प्रेस कॉफ्रेंस में निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।बीएल भाटी भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर हैं।इंजीनियर बीएल भाटी ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।भाटी ने बुधवार शाम अपने निवास पर प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि मैंने सरकारी नौकरी छोड़कर 6 साल पार्टी की सेवा की।मैं लगातार लोगों के बीच रहा।लेकिन पार्टी ने प्रत्याशी के चयन में मनमानी की।
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