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अमरावती : सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के बाद शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई अब सड़कों पर आ पहुंची है। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से शुरू हुआ सियासी संग्राम अब तक आ पहुँचा है। आलम यह है कि शिवसेना के भीतर की लड़ाई अब सड़क तक आ गई है।हिंगोली से विधायक संतोष बांगर पर रविवार को अमरावती के अंजनगांव सुरजी में कथित तौर पर उद्धव ठाकरे के वफादारों ने हमला कर दिया। संतोष बांगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट से हैं। अमरावती पुलिस ने सोमवार को बांगर की कार पर हमला करने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल शिवसेना के दो फाड़ होने के दौरान संतोष बांगर शिंदे गुट में शामिल रहे और अब उस गुट के प्रमुख नेता हैं।ऐसे में दोनों गुटों के बीच तनातनी का माहौल बरकरार है।इस बीच खबर यह है कि शिंदे गुट के विधायक संतोष बांगर की कार पर उद्धव गुट द्वारा हमला किया गया है। पुलिस ने इस केस में 15-20 शिवसैनिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।संतोष बांगर को उस समय शिवसैनिकों के क्रोध का सामना करना पड़ा जब वह रविवार को अंजनगांव सुरजी स्थित देवनाथ देवस्थान मठ से अपनी पत्नी और बहन के साथ बाहर आ रहे थे।
अंजनगाव के पुलिस थानेदार दीपक वानखेड़े ने बताया कि उनके पास विधायक संतोष बांगर की गाड़ी पर हमला किए जाने की ना तो कोई सूचना है और ना ही विधायक की ओर से इसके बारे में कोई शिकायत दर्ज कराई गई है।गौर किया जाए तो एकनाथ शिंदे के शिवसेना तोड़ बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद अक्सर दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं के भिड़ने की छिटपुट खबरें आती रही हैं। वहीं दोनों गुटों के बीच पार्टी पर अधिकार को लेकर भी लड़ाई जारी है।हालांकि हाल में उद्धव ठाकरे गुट को बड़ी सफलता तब मिली, जब अदालत ने दशहरे की रैली के लिए शिवाजी पार्क में शिवसेना को कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी।
देखा जाए तो पिछले महीने शिंदे और पार्टी के कुछ अन्य विधायकों द्वारा विद्रोह के पहले दिनों के दौरान, हिंगोली जिले के कलामनुरी से 2019 का राज्य विधानसभा चुनाव जीतने वाले बांगर को रोते हुए और विद्रोहियों को वापस जाने के लिए कहते हुए देखा गया था।एक वीडियो में बांगर को रोते हुए और यह कहते हुए दिखाया गया था कि राज्य में माहौल खराब हो गया है और शिंदे का समर्थन करने वाले सभी विधायकों को पार्टी में वापस आना चाहिए क्योंकि ठाकरे उन्हें माफ कर देंगे।पिछले महीने, शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी और उसे राकांपा और कांग्रेस के साथ संबंध तोड़ने के लिए कहा।पार्टी में विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली।
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