बॉम्बे लीक्स
लखनऊ : यूपी के मुरादाबाद के एक निजी घर में नमाज़ पढ़ने पर दर्ज किया गया मुकदमा योगी सरकार पर कई सवाल खड़े कर रहा है।जहां एक निजी घर में सामुहिक नमाज़ पढ़ने पर बवाल खड़ा हो गया।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुरादाबाद के एक घर में पढ़ी जा रही नमाज़ को लेकर पुलिस ने 26 नमाज़ियों के खिलाफ गंभीर धाराओ में मामला दर्ज कर लिया है।पुलिस द्वारा घर में नमाज़ पढ़ने पर दर्ज किए गए मुकदमे पर काफी बवाल खड़ा हो गया है। अब सवाल उठने लगे है कि क्या अब घर में भी नमाज पढ़ने की इजाजत लेनी होगी।
सामुहिक नमाज़ पढ़ने पर पैदा हुए बवाल को लेकर सिसायत काफी गरमा गई है।AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी इस पर काफी नाराजगी।जाहिर करते हुए पीएम मोदी से सवाल पूछा है। ओवैसी पूछा है कि क्या भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज नहीं पढ़ सकते।कहा कि क्या अब घरों में भी नमाज पढ़ने के लिए भी हुकूमत या पुलिस से इजाजत लेनी होगी।ओवैसी ने कहा है कि अब पीएम मोदी को इस मसले का जवाब देना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि देश में आखिर कब तक मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी जैसी सुलूक किया जाता रहेगा।मुरादाबाद की सामुहिक नमाज़ पढ़ने को लेकर पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है।जिसके बाद ओवैसी समेत तमाम मुस्लिम नेताओं ने इसे गलत करार दिया है।हालांकि अब कोई इसे एक समुदाय विशेष के साथ अन्नाय तो कोई इसे संविधान में दिए गए लोकतांत्रिक अधिकारों के उलट बताने में लगा हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी तंज कसते हुए कहा, ‘मुझे यकीन है कि अगर किसी पड़ोसी के यहां 26 दोस्त और रिश्तेदार एक साथ बैठकर हवन करेंगे तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी। दिक्कत सामूहिक रूप से इकट्ठा होने से नहीं है, बल्कि नमाज पढ़ने से है।ओवैसी और उमर के अलावा कई लोग पुलिस के कदम की ज़ोरदार आलोचना करते देखे गये।वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर 26 नमाज़ियों पर मुकदमा दर्ज कर वाहवाही लूटने वाली मुरादाबाद पुलिस इसे गलत बताया रही है।
नमाज़ियों पर मुकदमा दर्ज करने वाली कल तक यही मुरादाबाद पुलिस ट्विटर पर स्वयं अफवाफ फैला रही थी कि कुछ लोगों ने समाज में शत्रुता, घृणा, वैमनष्यता की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से सामूहिक रूप से जगह बदल-बदलकर नमाज अदा की है।जिसके खिलाफ मुरादाबाद पुलिस ने जगह बदलकर नमाज़ पढ़ने वाले 26 लोगों पर दूसरे पक्ष द्वारा दी तहरीर व जांच के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया है।
दरअसल, मुरादाबाद में छजलैट थाना के गांव दूल्हेपुर में एक निजी घर में सामूहिक नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद दो पक्षों में विवाद खड़ा हो गया। पुलिस ने 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।इस बीच अब पुलिस ने माना कि यह मामला गलत है।मुरादाबाद पुलिस ने बताया है कि ‘ग्राम दूल्हेपुर में वादी चन्द्रपाल आदि ने सामूहिक नमाज पढ़ने को लेकर पुलिस स्टेशन छजलैट पर मुकदमा पंजीकृत कराया था, विवेचनोपरान्त घटना का प्रमाणित होना नहीं पाया गया।अतः विवेचना को मय जुर्म खारिजा रिपोर्ट समाप्त (एक्सपंज) किया गया, शेष विधिक कार्यवाही तद्नुसार सम्पन्न की जायेगी।
वही पूरे मामले को अगर समझा जाये तो मुरादाबाद के थाना छजलैट के दूल्हेपुर गांव में दो संप्रदायों के बीच समझौते को तोड़कर सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने का आरोप लगा था। इस मामले में 26 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।एसपी देहात संदीप कुमार मीणा ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं।गांव के एक पक्ष का कहना है कि दूल्हेपुर गांव में दूसरे संप्रदाय का कोई धार्मिक स्थल नहीं है।बावजूद इसके दूसरे संप्रदाय के दो लोगों के घरों में एकत्र होकर पूर्व में नमाज पढ़ी।
जिसके बाद गांव में विवाद हो गया।पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मध्यस्थता कराकर मामले को शांत कराया। शिकायतकर्ता का कहना है गांव में कोई मंदिर नहीं है।लिहाजा हम लोग पास के ही गांव में पूजा करने व जल चढ़ाने जाते हैं।यहां हम कोई नई परंपरा शुरू नहीं करना चाहते हैं। हमने जब नमाज के लिए मना किया तो ये लोग नहीं माने फिर थाने में शिकायत दर्ज कराई।अब पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि यह मामला गलत है।
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