बॉम्बे लीक्स ,बिहार
बिहार की महागठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक ठाक नही दिख रहा।बिहार से दिल्ली तक कि सियासत में बतौर पलटू राम की उम्दा जगह बना चुके नीतीश कुमार की राहें फिर से एनडीए से जुड़ने की तरफ साफ दिखाई देने लगी है।मामला है बिहार के राजगीर में होने जा रहे 18 जुलाई से राजकीय राजगीर मलमास मेले का।जहां पोस्टर में सिर्फ नीतीश कुमार ही नजर आ रहे है।जबकि सरकार में शामिल किसी अन्य दल को कोई जगह नही दी गई।हैरानी वाली बात तो यह है कि पोस्टरों में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी नदारद कर दिये गये है।
गौरतलब है कि मेले के तैयारी की जायजा लेने शनिवार को सीएम नीतीश कुमार राजगीर पहुंचे।सड़क मार्ग से मुख्यमंत्री राजगीर पहुंचे थे।सीएम नीतीश कुमार मलमास मेला शुरू होने के पूर्व यह दूसरी बार राजगीर निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसके पहले दो जून को मलमास मेले की तैयारी का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री राजगीर पहुंचे थे। वहीं, राजगीर में एक ओर मलमास मेले को लेकर जहां होर्डिंग और बैनर में सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही नजर आएं तो दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तस्वीर कहीं नहीं दिखी।अब इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। नीतीश कुमार के गृह जिला में लगने वाले मलमास मेला के पोस्टर से उप मुख्यमंत्री की तस्वीर के गायब होने के पीछे का कारण शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के आईएएस अधिकारी केके पाठक के बीच खींचातानी के बाद राजद और जदयू की बढ़ती दूरी को भी माना जा रहा है।खास बात यह है कि इन पोस्टरों में एक में भी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तस्वीर नहीं है। यह अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। साथ ही राजनीतिक अटकलबाजियों का दौर भी चल पड़ा है।माना जा रहा है कि हमेशा की तरह सीएम नीतीश कुमार जल्द ही महागठबंधन से अलग होने का कोई बड़ा फैसला ले लेते है तो इसमें कोई आश्चर्य नही होगा।बता दें कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा राजगीर स्थित सरस्वती नदी और वैतरणी नदी की उड़ाही कर घाटों का जीर्णोद्धार कराया गया है। कहा जाता है कि एक महीने तक 33 कोटि देवी-देवता राजगीर में ही प्रवास करते हैं। इसे लेकर देश के कोने-कोने से साधु-संत शाही स्नान और लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा करने के लिए राजगीर पहुंचते हैं। साधु-संतों के आवासन के लिए भी अलग से व्यवस्था की जा रही है। राजगीर आने वाले श्रद्धालुओं को पहली बार पीने के लिए शुद्ध गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह पर गंगाजल के नल की व्यवस्था की गई है।मुख्यमंत्री राजगीर पहुंचकर सबसे पहले वैतरणी घाट गए। जहां उन्होंने वैतरणी नदी में की गई उड़ाही और बनाए गए घाटों का निरीक्षण किया। इसके बाद ब्रह्म कुंड परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने बारीकी से किए गए कार्यों का निरीक्षण किया। ब्रह्म कुंड परिसर में सप्तधारा का निरीक्षण करने के दौरान उन्होंने गर्म पानी का सेवन भी किया। राजगीर में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार गंगाजल पीने के लिए मिलेगा। इसकी शुरुआत भी सीएम नीतीश कुमार ने कर दी। मुख्यमंत्री ने पूरे परिसर का घूम-घूम कर जायजा लिया। हालांकि वे मीडिया से बिना मुखातिब हुए ही पटना लौट गए।
मलमास मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी की व्यवस्था, शुद्ध गंगाजल, स्वच्छ शौचालय व स्नानागार, प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा उनकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय नियंत्रण कक्ष और 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी भी की जाएगी।
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