• जारी है युद्धस्तर पर बचाव कार्य , सीएम ठाकरे ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा।
मुंबई ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
मुंबई : महाराष्ट्र में तेज बारिश और बाढ़ की तबाही का खौफनाक मंजर थमने का नाम नही ले रहा है।ऐसी आपदा को देखते हुए जहां बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है तो वहीं मौसम विभाग का अलर्ट भी है।
महाराष्ट्र में हो रही मूसलाधार बारिश ने कोंकण सहित पश्चिम महाराष्ट्र के 9 जिलों को बुरी तरह से प्रभावित किया हुआ है।बाढ़ की आपदा ऐसी है कि पिछले दो दिनों में जहां 112 लोगों की मौत हो के साथ 100 के आस पास लोगों के लापता होने की ख़बर है।
भीषण बाढ़ की इस आपदा में न सिर्फ इंसानों को लील किया बल्कि हजारों की तादाद में बेजुबान जानवरो पर भी बाढ़ का कहर टूटा हुआ है।बताया जा रहा है कि लगभग 3,222 जानवर भी इस बाढ़ की चपेट में मौत के काल मे समा चुके है।महाराष्ट्र में जारी बाढ़ की ऐसी विभीषिका में तैनात बचाव दल द्वारा अब तक एक लाख 35 हजार 513 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है।
वही लैंडस्लाइड के कारण 47 लोगों की मौत रायगड जिले में हुई है, जबकि अभी भी वहां पर 53 लोगो के लापता होने की खबर है।वहीं सातारा में 25 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। इस विभीषिका के दौरान प्रभावित लोगों तक पेयजल, भोजन और दवाएं पहुंचाने के लिए प्रशासन को संघर्ष करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार पीड़ितो के लिए कई स्कूलों और कुछ निजी संपत्तियों का इस्तेमाल किया जा जा रहा है।जहां आश्रय के रूप में और घायलों के वास्ते प्राथमिक उपचार केंद्रों का रूप दिया गया है। बाढ़ के चलते 90 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। वही पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के कारण 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। इनमें 40 हजार से अधिक लोग कोल्हापुर जिले से है। अधिकारियों के मुताबिक इस बाढ़ में 54 गांव बाढ़ से पूरी तरह और 821 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ के चलते वशिष्टी नदी के पानी का स्तर लेवल से काफी ऊपर पुल को पार कर गया है। जिसके बाद मुंबई व चिपलुन जाने वाले मार्ग में आवागमन पूरी तरह से ठप हो चला है। मौसम विभाग ने आपदा वाले क्षेत्रों समेत आस पास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।
महाराष्ट्र में आई ऐसी बाढ़ के चलते कोकण व पश्चिम महाराष्ट्र के कई जिलों की हालत बेहद खराब है।लोग अंधेरों में जीवन यापन कर रहे है, क्योंकि बाढ़ की वजह से बिजली गुल है। ऐसे में होने वाली जेईई-मुख्य परीक्षा में विद्यार्थी के भाग्य पर सवाल खड़ा हो गया है। जिसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बयान जारी कर कहा कि महाराष्ट्र में बारिश, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के जेईई-मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का एक और मौका मिलेगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। ठाकरे सर्वाधिक अतिवृष्टि प्रभावित रायगड के तलिए गांव पहुंचे। वहां पर उन्होंने स्थानीय नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने दुर्घटना की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावितों की पूरी मदद करने का आश्वासन दिया। सीएम ठाकरे ने कहा कि इस आपदा का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार तैयार है।
सीएम ठाकरे ने कहा प्रभावितों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। उनका पुनर्वसन किया जाएगा। पहाड़ों पर रहने वालों को स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम महाराष्ट्र में भी कई नदियां उफान पर हैं। पानी का नियोजन करने के लिए जल प्रारूप तैयार किया जाएगा।
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