बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई : पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह लगातार लापता है।जिसके बाद अब मुंबई पुलिस ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित करवाने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है।ख़बर है कि मुंबई के उपनगर गोरेगांव के एक पुलिस थाने में उनके तथा अन्य के खिलाफ वसूली का मामला दर्ज है।ऐसे मेंमुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जिसके लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की जा चुकी है।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ बतौर कमिश्नर रहते हुये जबरन वसूली के मामले में जांच जारी है।हालांकि परमबीर सिंह फरार हो चुके है और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को उनकी तलाश है।उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच परमबीर सिंह तक अब तक नहीं पहुंच पाई है।अब क्राइम ब्रांच ने मुंबई के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में याचिका दायर कर परमबीर सिंह को फरार अपराधी घोषित करने की मांग की है। क्राइम ब्रांच की गोरेगांव ब्रांच जबरन वसूली के मामले की जांच कर रही है।ऐसे मेंस्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर शेखर जगताप ने याचिका दायर कर ये मांग की है कि परमबीर सिंह के साथ ही दो अन्य आरोपियों रियाज भाटी और विनय सिंह उर्फ बबलू को भी अपराधी घोषित किया जाए। शेखर जगताप ने इस मामले में बताया कि हमारे पास आरोपियों के खिलाफ पहले से ही तीन गैर जमानती वारंट मौजूद है।उन्होंने बताया कि कोर्ट में इस याचिका पर सोमवार को अगली सुनवाई होगी।करीब दो हफ्ते पहले 30 अक्टूबर को कोर्ट ने परमबीर सिंह और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। वारंट तामील कराने के लिए अंतिम ज्ञात पते पर पहुंचे अधिकारियों को वहां कोई नहीं मिला।अधिकारियों के मुताबिक मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपियों का पता नहीं चल पा रहा।
परमबीर सिंह समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ गोरेगांव पुलिस में एक व्यक्ति द्वारा केस दर्ज कराया गया है।मामले में परमबीर समेत अन्य पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि पिछले साल जनवरी से लेकर मार्च 2021 तक उसके दो बार और रेस्टोरेंट पर छापा न मारने के बदले में उससे 9 लाख रुपये वसूले गए।इसके साथ ही उनके लिए 2.92 लाख रुपये कीमत के दो स्मार्टफोन भी खरीदने के लिए मजबूर किया गया था।
साथ ही पूर्व पुलिस कमिश्नर के करीबी सहयोगी के खिलाफ बेनामी संपति की जांच भी शुरू हो चुकी है।जांच किये जाने का कारण है कि बेनामी संपत्ति मामले से जुड़ी कंपनी पूर्व कमिश्नर की सहयोगी की है जिसे केंद्रिय इनकम टैक्स विभाग द्वारा किया जा रहा है। हाल ही में आईटी द्वारा जितेंद्र मावलानी उर्फ जीतू नवलानी और उसकी पत्नी भूमिका पुरी और उनकी कंपनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है।आईटी अधिकारियों ने जीतू और उसकी पत्नी की स्वामित्य वाली कंपनी की जांच के दौरान पाया कि यह बिना किसी व्यापार के शेल इकाई है और बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम के उल्लंघन के तहत पुणे में एक फ्लैट का मालिक था।आईटी विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच में पाया गया था कि जीतू की कंपनी बोनान्जा फैशन मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड के पास उस समय संपत्ति की खरीद के लिए आय का कोई वास्तविक स्रोत नहीं था।इसके बाद आईटी जांच टीम द्वारा एंट्री ऑपरेटरों समेत अन्य व्यक्तियों के बयान दर्ज करने पर पाया कि ये खरीद फर्जी सिक्योरिटी प्रीमियम से हुई थी।जिसे बेनामी नकदी को शेल संस्थाओं के माध्यम से भेजा गया था।इसके बाद इसे कथित बेनामी संपत्ति में बदल दिया गया था।यही नही इस पूरे जालसाजी में कंपनी के निदेशक नवलानी और उनकी पत्नी भूमिका को भी नियुक्त किया गया था।
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