बॉम्बे लीक्स ,उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में लगातार वकीलों की हड़ताल के आगे शासन प्रशासन न्यायालय पंगु सा नज़र आ रहा है।वकीलों की मांग है कि हापुड़ कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जांच कमेटी गठित की जाए।इससे 2 दिन पहले शनिवार को हुई वकीलों की बैठक में हड़ताल खत्म कर 11 सितंबर से न्यायालय में कार्य शुरू किए जाने का एलान किया गया।क्योंकि वकीलों की मांग के अनुरूप हाईकोर्ट की ओर से जाँच कमेटी गठित की गई थी।लेकिन आपात बैठक के बीच रविवार रात को वकीलों कि संस्था उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने एक आपात मीटिंग में निर्णय लिया कि यू पी के समस्त वकील सोमवार और मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगे।जबकिं आगे की रणनीति मंगलवार की मीटिंग के बाद तय की जाएगी।ऐसे में प्रदेश की अदालतों में काम काज ठप होने से काफी परेशानियों का सामना देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि बार काउंसिल के हड़ताल वापस लेने के नौ सितंबर के फैसले का अधिकांश सदस्यों ने विरोध करते हुए रविवार को आपात बैठक बुलाने की मांग की थी। जिसपर सदस्य सचिव ने वर्चुअल बैठक बुलाई। जिद्दोजहद के बाद बार काउंसिल ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया। काउंसिल ने हाईकोर्ट में अर्जी दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कमेटी गठित की जाय जो हापुड़ लाठीचार्ज की घटना की जांच कर रिपोर्ट दे।इसके बाद हाईकोर्ट ने शनिवार को अर्जी की सुनवाई की और न्यायमूर्ति एम के गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर बार काउंसिल की शिकायतों की जांच पर रिपोर्ट मांगी। इससे पहले आठ सितंबर को बार काउंसिल की बैठक बेनतीजा रही।नौ सितंबर की शाम फिर हुई बैठक में हड़ताल वापस लेने का सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। हापुड़ बार एसोसिएशन सहित तमाम अधिवक्ता संगठनों ने बार काउंसिल के फैसले का कड़ा विरोध किया।यूपी बार काउंसिल ने शनिवार को कुछ शर्तों के साथ हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया था, लेकिन लखनऊ बार असोसिएशन ने यह फैसला मानने से इनकार कर दिया है। लखनऊ बार असोसिएशन के महामंत्री कुलदीप नारायण मिश्र का कहना है कि लखनऊ के वकील सोमवार को भी हड़ताल पर रहेंगे। फिर सोमवार शाम बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।लखनऊ बार असोसिएशन के महामंत्री कुलदीप नारायण मिश्र का कहना है कि यूपी बार काउंसिल ने हड़ताल वापस लेने का फैसला करने से पहले लखनऊ बार की तरफ से उठाए गए बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया। बार ने लाठीचार्ज और महिला वकीलों को पीटने वाले पुलिसवालों पर मुकदमा दर्ज करने, एडवोकेट प्रोटेक्शन ऐक्ट पारित करने और हापुड़ लाठीचार्ज में घायल वकीलों को मुआवजा देने की मांग थी। कुलदीप ने कहा कि यूपी बार काउंसिल ने हड़ताल वापस लेने का फैसला करने से पहले इन बिंदुओं का ध्यान नहीं रखा। इस पर पश्चिमी उप्र के जिलों में वकीलों ने भी 15 सितंबर तक हड़ताल जारी रखने का ऐलान कर दिया है। लखनऊ बार भी हड़ताल स्थगित करने के फैसले से सहमत नहीं है। लिहाजा सोमवार को हड़ताल जारी रहेगी। सूत्रों की मानें तो लखनऊ बार असोसिएशन के साथ अवध बाहर असोसिएशन, फैमिटी कोर्ट और सेंट्रल बार असोसिएशन से जुड़े वकीलों पर भी इस फैसले का असर पड़ सकता है।आपको बता दें कि 29 अगस्त को वकीलों पर पुलिस के लाठी चार्ज से महिला वकील समेत कई वकीलों को गंभीर चोटें थी और कई वरिष्ठ वकील भी बुरी तरह घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर पूरे प्रदेश में वकीलों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया और प्रदेश में वकील न्यायिक कार्य से विरत चल रहे है।मामले में पिछले रविवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस कि पीठ ने स्वतः संज्ञान भी लिया था और पुलिस को वकीलों कि तहरीर पर कार्यवाही करने का आदेश दिया था, जिसके बाद हापुड़ कि स्थानीय पुलिस के ख़िआफ़ FIR दर्ज की गई।
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