शाहिद अंसारी
मुंबई: ISIS ने जिस तरह से देश भर के मुस्लिम नौजवानों को गुमराह करने की कोशिश की उनमें कई नौजवानों को एटीएस ने उनके चंगुल से बचाने में कामयाबी हासिल की है उन्ही में से केरला के एक नौजवान को एटीएस ने मात्र 3 दिन की काउंसलिंग कर के उसे ISIS के चंगुल से बचाने में कामयाबी हासिल की है।नाम और पहचान न बताने की शर्त पर नौजवान के रिश्तेदारों ने Bombay Leaks से बात चीत करते हुए जो सच्चाई बयान की है उसे सुन्ने के बाद आप यह सोचने पर मजबूर हो जाऐंगे कि क्या आज हमारे युवक और युवतियां जिस प्रकार से इंटरनेट और दूसरी वेबसाइट पर घंटों भिड़े रहते हैं वह उनके लिए कितना हानिकारक है।कहीं ऐसा तो नहीं इसी सर्फिंग के चक्कर में उनका संपर्क ISIS जैसे आतंकीय संगठन से तो नहीं हो रहा या वह कही उनके चक्कर में फंस तो नहीं गए।यह मात्र नौजवानों के लिए ही नहीं बल्कि समाज में मौजूद उन युवतियों के लिए भी है जो अपने घरों मे बैठ कर इंटरनेट का गैर जरूरी इस्तेमाल करती हैं।
ISIS के चंगुल और उनके शिकंजे में फंसने वाले एक नौजवान के बारे में महाराष्ट्र एटीएस को पता चला नौजवान केरल के मन्नापुरम इलाके का रहने वाला था 3 साल पहले वह मुंबई से सटे वसई इलाके के एक रिश्तेदार के यहां आया था और उनके ही पते पर एक सिम कार्ड लिया और उसी सिम कार्ड से इंटरनेट सर्फिंग किया करता था।नौजवान आईटी एक्सपर्ट था और एक पढ़े लिखे घर का था घर के दूसरे सदस्य भी विदेशों में काम करते हैं शुरुआती दौर में उससे ISIS के गुर्गों ने बात चीत की और उसकी काबलियत के आधार पर उसे विदेश मे नौकरी दिलाने का लालच दिया। ISIS ने बात चीत में यह पता लगा लिया था कि यह बहुत ही काबिल लड़का है और वह उनके लिए आतंकीय गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बहुत ही कारआमद साबित होगा।फिर उन्होंने युवक की कमजोरियों का फाएदा उठाकर उस से घंटो चेटिंग करना शुरू कर दिया।ISIS ने उस युवक से कहा कि उसके लिए विदेश में नौकरी करने का यह अच्छा सोर्स है जिसके बाद युवक भी उनसे घंटों चेटिंग करने लगा और वह उनके चुंगल में फंसते चला गया।युवक और ISIS के बीच की जो दूरी थी वह इस घंटों की चेटिंग में खत्म हो गई थी और वह उनके काफी करीब पहुंच चुंका था लेकिन इसी दौरान एटीएस को इसकी भनक लग गई।
19 अगस्त को मुंबई से सटे वसई इलाके में एटीएस कर्मी उस शख्स के पास पहुंच जाते हैं जिनके घर के पते पर युवक ने सिम कार्ड खरीदा था।चूंकि तीन साल पहले युवक अपने इस रिश्तेदार के पास आया था और उसी पते पर उसने सिम कार्ड खरीदा था।एटीएस ने उनसे पूछताछ की और केरला में मौजूद उस युवक को मुबंई के काला चौंकी एटीएस में बुलाया पूछ ताछ के दौरान उसके बारे में एटीएस को इस बात की पूरी संतुष्टी हो गई कि यह युवक दिमाग से बहुत ही तेज़ है इसी लिए ISIS ने उसको इस्तेमाल करने के लिए उसे विदेश में नौकरी देने का लालच दिया और इसी लिए वह ISIS के संपर्क में रहने लगा।इससे पहले कि ISIS उसे अपने पास बुलाते सही समय पर एटीएस ने उसे बचा लिया।एटीएस ने तकरीबन तीन दिन तक उसकी काउंसलिंग की और साइकाट्रिस्ट की मदद से उसे पूरी तरह ISIS के चंगुल से आजाद करने में कामयाबी हासिल की।फिलहाल केरला में मौजूद यह युवक इंजीनियरिंग की तय्यारी कर रहा है।युवक के रिश्तेदारों ने बात चीत में बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी लेकिन जब उन्हें एटीएस ने काला चौकी बुलाया और पूछताछ की तो पता चला कि उनके पास 19 अगस्त को जो लोग आए थे वह इसी सिलसिले में आए थे।उन्होंने बताया कि तीन दिन तक रोज सुबह बुलाकर शाम तक एटीएस अधिकारी काउंसलिंग करते और शाम को वापस घर भेज देते थे।एटीएस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस युवक की जब काउंसलिंग कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि ISIS के चंगुल में फंसने वाले इस युवक को अगर समय रहते नहीं बचाया जाता तो अब तक वह शायद ISIS के गिरोह में शामिल हो जाता लेकिन उसके तेज़ दिमाग और इंटरनेट एक्टिविटी को देख एटीएस अधिकारी भी यह बोलने पर मजबूर हो गए कि अगर यह अपने दिमाग का सही इस्तेमाल करे तो यकीनन यह एक बड़ा ऑफीसर बन सकता है और इस के ही जैसे लोगों को देश की ज़रूरत है।कांउसलिंग के बाद युवक ने एटीएस के उन अधिकारियों से यह वादा किया और कसम खाई कि वह ISIS के चंगुल में अब नहीं फंसेगा और वह जो भी करेगा देश के लिए और देश की भलाई के लिए करेगा।
ISIS ने भारत समेत विश्व भर के कई देशों के नौजवानों को धर्म के नाम गुमराह कर आतंकीय गतिविधियों मे शामिल किया है भारत मे भी ISIS ने अपने पांव पसारने शूरू कर दिए थे लेकिन समय रहते भारतीय जांच एजेंसियों को इसकी भनक लगी और उन्होंने उन युनकों को ISIS के चंगुल मे फंसने से पहले ही बचा लिया।लेकिन यह जिम्मेदारी मात्र भारत में मौजूद उन सुरक्षा एजेंसियों की ही नहीं बल्कि उस समाज के लोगों की भी है जिनके युवक ISIS के टारगेट पर हैं।
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