बॉम्बे लीक्स, मुंबई
मुंबई के मालोनी मलाड इलाके में हुई हिंसा के मामले में डिंडोशी कोर्ट ने कारोबारी जमील मर्चेंट की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी पर अगली सुनवाई 13 अप्रैल तक टाल दी है। हालांकि पुलिस को पहली सुनवाई में कोर्ट के पहले दिए गए आदेश का पालन करना होगा जिस में गिरफ्तारी पूर्व जमानत में अंतरिम राहत मिली है।बता दें कि मालवानी पुलिस के अनुसार, गुरुवार की रात मलाड पश्चिम में रामनवमी के जुलूस के दौरान कथित रूप से दंगा करने, मारपीट करने और गैरकानूनी रूप से एकत्र होने के आरोप में 20 स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 400 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
गौरतलब है कि राम नवमी के दौरान मुंबई मालाड के मालवानी इलाके में कुछ शरारती तत्वों ने उपद्रव मचाया।तो मुंबई पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की।जिसके बाद अब मुंबई पुलिस पर ही सवाल खड़े होने लगे है।दरअसल इस मामले में पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, वो अब अपनी बेगुनाही के लिए घटना के दिन की वीडियो फुटेज लेकर कोर्ट पहुँच गए है।कोर्ट पहुँचने वालो में ऐसे ही एक शख्स समाजसेवी जमील मर्चेंट का नाम शामिल हैं। जोकि स्वयं को बेगुनाह साबित करने के लिए वीडियो फुटेज के सहारे कोर्ट पहुँचे और इसी के आधार पर उन्हें मिली अग्रिम जमानत मिल गई।6 अप्रैल को मर्चेंट की जमानत पर होने वाली सुनवाई को अब 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है।देखा जाए तो इस मामले में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई को लेकर मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक दल ने मुंबई पुलिस के ज्वाइंट सीपी सत्यनारायण चौधरी से मुलाकात की और दोनों पक्षों पर कार्रवाई की मांग की।लेकिन हैरानी इस बात की कि पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय इस हिंसा में दर्ज की गई एफआईआर में दो धाराओं को बढ़ा दिया है ताकि मुस्लिम आरोपियों को किसी भी प्रकार की कोई राहत ना मिल सके।पुलिस ने जिन दो धाराओं का इजाफा किया है वह धाराएं 120बी और 153ए है हालांकि अर्नेश कुमार जिस कानून के तहत अदालत ने जमील मर्चेंट के मुकदमे के दौरान पुलिस को अमल करने का आदेश दिया पुलिस ने उसका तोड़ निकालने के लिए यह तर्क निकाल लिया है हालांकि पुलिस को इन धाराओं को जोड़ने के बाद भी गिरफ्तारी पूर्व नोटिस देना जरूरी है। बता दें की कारोबारी जमील मर्चेंट ने कोर्ट में कुछ वीडियो दिखाए जिस से साबित होता है कि जमील मर्चेंट की भूमिका इस हिंसा के दौरान हिंसा को रोकने और पोलिस की मदद करने की रही और इसके लिए खुद पुलिस ने उन्हें बुलाया था।वहीं इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि पुलिस मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई करने में बहुत जल्दबाजी कर रही है इतना ही नहीं बल्कि जिस तरह से इस घटना में मुसलमानों को निशाना बनाया गया हम 10 अप्रैल को उसके खिलाफ अपर पुलिस आयुक्त के कार्यालय बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे और इस विरोध में उत्तर समाजवादी पार्टी के हिंदू कार्यकर्ताओं की तादाद ज्यादा होगी जो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे जिन्होंने इस राम नवमी जुलूस के दौरान इस वारदात को अंजाम दिया है ।
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