जब आयल माफिया चंद्रकांत पाटिल को गिरफ्तार किया गया तब यह बोट सासुन डाक पर खड़ी की गई थी
मुंबई : हाल ही में रायगढ़ अली बाग में सक्रीय आयल माफिया चंद्रकांत पाटिल को मुंबई क्राइम ब्रांच की शाखा प्रापर्टी सेल ने गिरफ्तार किया उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया लेकिन Bombay Leaks ने जैसे ही ख़बर प्रकाशित की उसके बाद प्रॉपर्टी सेल भले न जागा हो लेकिन ऑयल माफियाओं की स्थिर ज्वाला जागरित हो गई उन्होंने फटाफट आयल तस्करी के लिए मुद्देमाल में जब्त बोट को ऐसे गायब किया जैसे गदहे के सर से सींग।
Bombay Leaks आज इस पूरे मामले में जो अहम जानकारी है वह आपके सामने जाहिर करेगा ताकि यह पता चल सके कि रायगढ़ अली बाग में किस तरह से आयल तस्करी धड़ल्ले से की जा रही है और चंद्रकांत पाटिल और रायगढ़ क्राइम ब्रांच के कुछ अफसरों की मिली भगत से कैसे चंद्रकांत पाटिल इसे बेधड़क अंजाम दे रहा है।
Bombay Leaks ने जैसे ही खबर प्रकाशित की बोट उसी जगह से गायब हो गई
दरअसल प्रॉपर्टी सेल ने जब चंद्रकांत पाटिल को गिरफ्तार किया था तो उस वक्त चंद्रकांत पाटिल ऑयल तस्करी के लिए निकल रहा था वह अलग बात थी प्रॉपर्टी सेल ने मात्र उसे गिरफ्तार कर के अपनी प्रक्रिया पूरे करने की खानापुरी कर ली और उसने प्रॉपर्टी सेल को बताया कि वह फिशिंग करने के समुंद्र मे जा रहा था बेचारी और भोली भाली प्रॉपर्टी सेल ने उसकी बातों पर यकीन भी कर लिया चूंकि इस तस्करी में चांद मदार का भाई अनवर लंगड़ा शामिल है यह तस्करी उसी के इशारे पर हो रही थी इसलिए क्राइम ब्रांच ने पहले के केस में उसे गिरफ्तार किया ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।
चंद्रकांत पाटिल को तेल की तस्करी के लिए फंडिंग अनवर लंगड़ा दुबई में बैठ कर करता है चूंकि इस मामले में मुंबई पुलिस कार्रवाई करने से लाचरा है वजह साफ़ है कि प्रॉपर्टी सेल ने ऑल माफियाओं के खिलाफ़ कार्रवाई का ठेका ले रखा है वह अलग बात है कि कार्रवाई के नाम पर चंद्रकांत पाटिल जैसे आयल माफियाओं की दहशत की वजह से वह उसे गिरफ्तार कर के ऐसा जाहिर करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने ऑयल माफिया के खिलाफ़ बहुत बड़ा तीर मार लिया है असल में चंद्रकांत पाटिल और रायगढ़ और अलीबाग के क्राइम ब्रांच के अफसरों की साठगांठ से इस गोरख धंधे को बखूबी अंजाम दिया जाता है।
चूंकि मुंबई में साउथ रीज़न के एडिशनल कमिश्नर निशिथ मिश्र और तत्कालीन सीपी मुंबई संजय बर्वे की सख्ती की वजह से अब मुंबई की समुंद्री सीमा में तेल की तस्करी बंद हो चुकी है लेकिन रायगढ़ क्राइम ब्रांच और रायगढ़ के ऑयल माफियाओं ने मुंबई छोड़ रायगढ़ की ओर से रायगढ़ क्राइम ब्रांच की शह पर समुंद्र में सक्रीय हैं और दोनों हाथ से जम कर मलाई बटोर रहे हैं इस मलाई बटोरने में अनवर लंगड़ा भी शामिल है अनवर लंगड़ा कुख्यात ऑयल माफिया चांद मदार का भाई है जो दुबई से बैठ कर अरब सागर में तेल की तस्करी के गोरख धंधे को अंजाम दे रहा है अनवर लंगड़ा दुबई में 20 सालों से रहता है उसके पास दुबई नागरिकता है तीन महीने पहले वह मुंबई आ कर जाचुका है उसपर तेल तस्करी और समुंद्र से भंगार चोरी के कई मामले दर्ज हैं इसके साथ साथ मुंबई में अवनर लंगड़ा का आयल तस्करी का पूरा साम्राज्य और कारोबार अल्ताफ़ देखता है विदेशों से जो शिप मुंबई सीमा में आते हैं उनकी तेल अवैध तरीके से हासिल कर के उसे मछुवारों को बेचने काम भी अल्ताफ़ ही करता है।
हाल ही मे जिस मामले में प्रॉपर्टी सेल ने केस दर्ज किया था उस मामले में आयल माफियाओं को अनवर की पुष्त पनाही हासिल है प्रॉपर्टी सेल ने गनेश कोली , प्रशांत कोली , विद्देशनर नाकवा, भारत नाकवा , कमलेश नाकवा, सूरज कोली भारत कोली, अभिजीत कोली ,राजन नाइक ,मुन्ना नाइक कैलाश नाइक इन सब को इन सारे ऑयल माफियाओं को प्रॉपर्टी सेल तलब किया था लेकिन आगे क्या हुआ और कौन सी मेहरबानी प्रापर्टी सेल ने इन पर की इसके बारे में न तो प्रॉपर्टी सेल किसी प्रकार की प्रेस रिलीज़ बनाई और न ही मीडिया को बाता जैसी की कार्रवाई के दौरान मडिया को बताया गया था चूंकि कार्रवाई के दौरान इस लिए बताया गया कि इस मामले में जितने हाव हुल्ला किया जाएगा आयल माफियाओं मे प्रॉपर्टी सेल की उतनी ही दहशत होगी और जितनी दहशत उतना ही मलाई जानकारी में यह भी पता चला कि अनवर लंगड़ा ने इन सारे लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाई है।
इस काम को आसान करने के लिए रायगढ़ क्राइम ब्रांच के अफसरों का पूरा सहयोग है चूंकि साल 2019 में रायगढ़ क्राइम ब्रांच के अफसर ने इस गोरख धंधे को अपनी चरम सीमा पर पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया था जिसमें 42 लोगों को आरोपी बनाया गया 42 आयल माफियाओं से जमील शेख ने जम कर मलाई निचोड़ी और मुंबई पुलिस की सख्ती के बाद आयल तस्करी के इस गोरख धंधे क रायगढ़ क्राइम ब्रांच ने आगे बढ़ाया।
जिस प्रकार से रायगढ़ क्राइम ब्रांच और रायगढ़ पुलिस ने मुंबई में तेल तस्करी की वारदातों पर लगाम लगन के बाद आयल माफियाओं का साथ दिया उसके बाद यह कारोबार अपे उरूज पर पहुंच गया और हर एक की दुकानदारी चलने लगी इसी लिए रायगढ़ पुलिस के कुछ अफसर और क्राइम ब्रांच के कुछ अफसरों ने आयल माफिया के साथ एक पार्टी भी रखी थी अगर रायगढ़ क्राइण ब्रांच ऐसा नहीं करती तो यकीनन आज मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे अरब सागर में तेल तस्करी खतम हो चुकी होती लेकिन रायगढ़ क्राइम ब्रांच ने इसे जीवित रखा।
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