• 52.25 करोड़ की नौंवे प्रयास में लगी अंतिम बोली-मुंबई विले पार्ले स्थित फिशर हाउस को हैदराबाद के सैटर्न रियल्टर्स को 52.25 करोड़ में खरिदा।
मुंबई ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
मुंबई : भगोड़े लुटेरे विजय माल्या का मुंबई विले पर्ले इलाके में स्थित किंगफिशर हाउस फिलहाल बिक गया है।ऋण वसूली न्यायाधिकरण द्वारा इसे हैदराबाद के सैटर्न रियल्टर्स को 52.25 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। कभी भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस का मुख्यालय रहा किंगफिशर हाउस नौवें प्रयास में संस्थापक के 135 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य के लगभग एक तिहाई दाम पर बेचा दिया गया।
भगोड़े माल्या का किंगफिशर हाउस मुंबई सांताक्रुज में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बगल में स्थित है।जिसका ल वास्तविक मूल्य 150 करोड़ रुपये था। घर की नीलामी के लिए आठवीं बार बोली नवंबर 2019 में लगाई गई थी लेकिन तब भी इसे कोई खरीदार नहीं मिला था।लेकिन अब नौवें प्रयास में इसे 52.25 करोड़ रुपये में बेचा जा सका है।कहा जा रहा है कि किंगफिशर हाउस को बेचे जाने के बाद जो पैसा मिला है उसे अब ऋणदाता बैंकों को दिया जाएगा।
माल्या के किंगफ़िशर हाउस बिल्डिंग में बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर, एक अपर ग्राउंड फ्लोर और एक अपर फ्लोर है। इस प्रॉपर्टी का एरिया 1,586 वर्ग मीटर है, जबकि प्लॉट 2,402 वर्ग मीटर का है। किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम का 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। मालूम हो कि इससे पहले शेयरों की नीलामी से कर्जदाता 7,250 करोड़ रुपये वसूल चुके हैं।
देश के बैंकों का लुटेरा माल्या को हाल ही में ब्रिटेन की एक कोर्ट ने दिवालिया घोषित कर दिया था। डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने पहले यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे थे। जिसे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी जांच के तहत मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के अटैच किया गया था।
विजय माल्या एक ऐसा भगोड़ा अपराधी है जिसने देश के कई बैंकों को लोन के नाम पर बर्बाद कर दिया।जिसके बाद केंद्रीय एजेंसियां द्वारा समय-समय पर भगोड़े माल्या से जुड़ी हुईं संपत्तियां जब्त करती रही है। पिछले साल दिसंबर महीने में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने फ्रांस में 14 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।इसके अलावा, हाल ही में ईडी ने विजय माल्या की जब्त की गईं संपत्तियों की नीलामी भी की थी, जिससे एसबीआई के नेतृत्व वाले विभिन्न बैंकों को 5800 करोड़ रुपये से अधिक मिले थे।
दरअसल विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए एसबीआई समेत दूसरे बैंकों से करीब 9,990 रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन कंपनी की हालत खराब होने की वजह से माल्या बैंकों का पैसा नहीं चुका सका। इसके बाद साल 2012 में किंगफिशर एयरलाइंस बंद हो गई।
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