बॉम्बे लीक्स ,पंजाब
आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पंजाब से बड़ी सियासी खबर आ रही है।खबर है कि पंजाब भाजपा में बड़ी टूट होने जा रही है।कहा जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर कांग्रेस में वापसी कर सकते है।क्योंकि पंजाब भाजपा की कमान सुनील जाखड़ के हाथों में है जिसे भाजपा और कैप्टन गुट के नेताओं को रास नही आ रहा है। ऐसी सियासी चर्चाओं के बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता अमरिंदर सिंह कांग्रेस में वापसी की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया।जिनमें दावा किया गया था कि कुछ नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।
गौरतलब है कि जब से पंजाब भाजपा में सुनील जाखड़ को अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पार्टी में दो फाड़ की खबरें चर्चा का विषय बनी हुई है।ऐसे में पंजाब में पिछले कुछ दिनों से एसवाईएल को लेकर घमासान मचा है।बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ को जुलाई महीने में पार्टी ने प्रदेश का मुखिया बना दिया था।कुछ समय पहले ही बीजेपी में शामिल हुए नेता को सर्वेसर्वा की जिम्मेदारी देना पार्टी के कई नेताओं को रास नहीं आया। पार्टी में उनके खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे।बीजेपी के पूर्व विधायक अरुण नारंग को तो इतनी नाराजगी हुई कि उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी।कहा कि अनुभवी लोगों को दरकिनार कर जाखड़ को क्यों पार्टी की कमान दी गई है।जबकि पार्टी में 40-50 साल पुराने अनुभवी कार्यकर्त्ता है।उनकी उनकी भावनाओं को अनदेखा किया गया है. वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह ग्रेवाल भी सुनील जाखड़ का खुलकर विरोध कर रहे है।वहीं अब एक साथ 8 नेताओं का पार्टी छोड़कर जाना कहीं ना कहीं सुनील जाखड़ की मुखियाई पर सवाल खड़े कर रहा है।वहीं दूसरी तरह I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल पंजाब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में भी खींचतान जारी है।इसी बीच अब बीजेपी की तरफ को बड़ा झटका लगा है।पिछले दिनों प्रदेश में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद जहां बीजेपी ने पार्टी को मजबूत करने के कोशिश की थी।अब एक साथ 8 वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से कई सवाल खड़े हो रहे है।हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि रिपोर्ट निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। यह जान-बूझकर भ्रम पैदा करने के लिए प्रसारित की जा रही है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा में शामिल होने का उनका निर्णय सुविचारित और अपरिवर्तनीय था। उन्होंने कहा कि वह पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उन्हें जो भी भूमिका और जिम्मेदारी सौंपेंगे, उसके प्रति प्रतिबद्ध हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे। दो बार के मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले वह हमेशा कांग्रेस में रहे थे और सिद्धांत के मुद्दे पर केवल एक बार छोड़ा था, क्योंकि वह कांग्रेस के घोर विरोधी थे, ऑपरेशन ब्लूस्टार जिसके तहत तत्कालीन सरकार ने दरबार साहिब में सेना भेज दी।कहा कि जीवन में यह उनका सिद्धांत रहा है कि अपने फैसले से कभी पीछे नहीं हटना है। एक बार जब मैं कोई निर्णय ले लेता हूं तो मैं उस पर दृढ़ रहता हूं। किसी भी दूसरे विचार का या किसी को पार्टी छोड़ने देने का कोई सवाल ही नहीं है, इसे सुविधाजनक बनाना तो दूर की बात है, जैसा कि ”आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण तरीके से रिपोर्ट किया गया है।
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