
बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
लोकसभा में पास होने के बाद सोमवार को अब दिल्ली अध्यादेश बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (7 अगस्त) को राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश वाला बिल पेश करने जा रहे है।जिसे लेकर विपक्षी दलों ने भी पूरी तैयारी शुरू कर रखी है।इसके लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपने-अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप भी जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर अध्यादेश को बदलने का विधेयक 3 अगस्त को विपक्षी दलों के बॉयकॉट बीच लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया था।अब राज्यसभा में आज यानी 7 अगस्त को अमित शाह इसे पेश करेंगे।इससे पहले 3 अगस्त को इस विधेयक को लोकसभा में ध्वनि मत से पारित किया गया था।तब इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन के सांसदों ने वॉकआउट किया था। वहीं अब आम आदमी पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को 7 और 8 अगस्त को संसद में रहने के लिए व्हिप जारी किया है।जबकि कांग्रेस ने भी अपने राज्यसभा सांसदों को 7 अगस्त को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के समापन के बाद सोमवार शाम को ही विधेयक को पारित करने के लिए मतदान होगा।राज्यसभा में विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी बहस की शुरुआत कर सकते हैं।अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व भी किया था।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित है।केंद्र ने दिल्ली में सेवाओं से जुड़ा अध्यादेश बीते मई के महीने में जारी किया था।दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार इसका पुरजोर विरोध कर रही है।आप के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल भी बिल के विरोध में हैं।राज्यसभा में बीजेपी के पास वर्तमान में 92 सांसद हैं। हालांकि एनडीए के सहयोगी दलों को मिलाकर ये संख्या 103 हो जाती है। इसके अलावा पांच मनोनीत सांसद भी शामिल हैं। मनोनीत सांसद अक्सर सरकार के समर्थन में ही वोट करते हैं।बीएसपी और टीडीपी के भी राज्यसभा में एक-एक सांसद हैं। टीडीपी ने सरकार को सपोर्ट करने की बात कही जबकि बीएसपी बायकॉट करने वाली है।अगर कोई बड़ी पार्टी वॉकआउट कर जाती है तो बहुमत का आंकड़ा और गिर सकता है।राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसदों की संख्या लगभग 109 है।ऐसे में लग रहा है बीजेपी राज्यसभा में भी इस बिल को पास कराने में सफलता हासिल कर लेगी।
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