बॉम्बे लीक्स ,नोएडा
नोएडा में साइबर अपराध पुलिस ने व्हाट्सएप पर घर बैठे काम करने का झांसा देकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में बुधवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जबकि एक आरोपी अभी फरार है। नोएडा साइबर अपराध थाने के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी तरूण कौशिक और सिद्धार्थ शर्मा तथा गाजियाबाद निवासी मनीष और अरूण के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित शोभित गुप्ता ने 11 मई 2023 को साइबर अपराध पुलिस थाने में शिकायत देते हुए बताया था कि आरोपियों ने व्हाट्सएप पर अंशकालिक नौकरी की पेशकश कर यूट्यूब व इंस्टाग्राम पर छोटे-छोटे वीडियो को लाइक करने का काम दिया था। जिसके बदले में उनके बैंक खाते में छोटी-छोटी धनराशि भेजी गई थी। उसने बताया कि इस तरह लालच देकर आरोपियों ने उसे अपने जाल में फंसाया और एक टेलीग्राम चैनल समूह में जोड़ कर मोटी रकम निवेश करने का झांसा दिया। उन्होंने करीब आठ लाख रुपये निवेश कर दिए लेकिन कोई लाभ नहीं मिला और इसके बाद ठगी का अहसास हुआ।साइबर थाना पुलिस के दल ने मामले की छानबीन करते हुए बुधवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। रीता यादव ने बताया कि एक आरोपी राजीव बंसल अभी फरार है। पुलिस उसे तलाश कर रही है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में यह भी पता चला कि आरोपी वृद्ध महिलाओं को पेंशन दिलाने का झांसा देकर उनसे भी ठगी करते थे।बता दें कि लगातार साइबर अपराध की वारदातों में इजाफा होता जा रहा है।कुछ दिन पहले भी नोएडा में ऐसा ही वारदात सामने आई थी।जहां पीड़ित युवती के पास 24 जून 2023 को व्हाट्सएप पर नौकरी के लिए एक मैसेज आया।मैसेज में पार्ट टाइम नौकरी कर घर बैठे लाखों रुपये कमाने की बात की गई।युवती को नौकरी की आवश्यकता थी।इसी दौरान युवती के पास एक टेलीग्राम का लिंक भी आया।लिंक ओपन करने पर युवती को ग्रुप में जोड़ दिया गया।यहां उसे कुछ टास्क मिले, जिसे पूरा करने पर जालसाजों ने उसके खाते में कुछ रकम भी ट्रांसफर कर दिए।विश्वास जीतने के बाद जालसाजों ने युवती को प्रीपेड टॉस्क पूरा कर तीन गुना मुनाफा कमाने का झांसा दिया। बताया गया कि आरोपियों का टेलीग्राम पर वर्क रिपोर्ट नाम से एक चैनल है।इसके बाद ठगों ने झांसे में लेकर पीड़िता से विभिन्न बैंक खातों में धीरे-धीरे करके 14 लाख 15 हजार 710 रुपये ट्रांसफर करा लिए।लगातार धनराशि की मांग किए जाने के चलते युवती को ठगी का अहसास हुआ।युवती ने जब पैसे वापस मांगे तो उसे ग्रुप से बाहर कर दिया गया और आरोपियों ने नंबर बंद कर लिया।
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