बांम्बे लीक्स ,महारास्ट्र
नागपुर : 16 साल से अपनी पहचान छिपाकर वांटेड चल रहे कुख्यात अपराधी रवि गोप को बिहार एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।बिहार पुलिस के लिए रवि गोप की गिरफ्तारी को काफी अहम माना जा रहा है।बताया जा रहा है कि विगत 16 सालों से वो पोलिस को चकमा देकर अब तक बचता रहा।रवि गोप पर 50 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था।बावजूद इसके कि 16 सालों से उसकी तलाश में पुलिस इधर उधर भटकती रही।
जानकारी के मुताबिक पटना समेत बिहार के कई जिलों में उंसके खिलाफ संगीन मामले दर्ज है।कुख्यात रवि गोप पिछले लगभग 14 साल से फरार चल रहा था। पुलिस के डर से उसने बिहार छोड़ दिया था।पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार रवि गोप कई संगीन मामलों में आरोपी है। वो नागपुर में रह कर पटना में अपराध की दुनिया को संचालित कर रहा था।वो खुद को पुलिस की नजर से बचाने के लिए यहां स्क्रैप का बिजनेस करता था।
रवि गोप ने महाराष्ट्र के साथ अपनी जड़ें गोवा तक फैला रखी थी।रवि गोप पर पटना जिले में लूट, हत्या और रंगदारी से संबंधित 16 संवेदनशील कांड दर्ज हैं। पुलिस से बचने के लिये वो अपनी पहचान छिपाकर नागपुर में स्क्रैप का बिजनेस कर रहा था। बताया जा रहा है कि बिहार एसटीएफ के हत्थे चढ़ा अपराधी रवि गोप साल 2008 से फरार चल रहा था।
बिहार एसटीएफ की टीम पिछले कई महीनों से उसकी जानकारी जुटा रही थी। जब उसके नागपुर में छिपे होने का पता चला तो पटना से एसटीएफ की एक टीम नागपुर पहुंची और महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से रवि गोप को दबोच लिया गया। पुलिस गिरफ्तार रवि गोप को लेकर नागपुर से पटना पहुंच गई है। रवि का आतंक पटना के राजेंद्र नगर रोड नंबर 1 में काफी दिनों तक लोगो के लिए खौफ का पर्याय बना रहा।
पटना के राजेन्द्र नगर इलाके से ही संबंध रखने वाला रवि गोप बम फेंकने में काफी एक्सपर्ट है। पुलिस के मुताबिक उसने बम मारकर कर कई हत्याकांड को अंजाम दिया है। पटना के गोविंद मित्रा रोड से लेकर दाना और नाला रोड के फर्नीचर व्यवसायी उसके भय से कांपते थे।नागपुर में होने के बावजूद वो पटना के कारोबारियों को धमकी देकर उनसे वसूली करता था। इस दौरान मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
इस दुर्दांत अपराधी की गिरफ्तारी के लिये पटना पुलिस में पूर्व में तैनात कई आईपीएस अधिकारियों ने एड़ी-चोटी एक कर दी थी। हर बार वह राजधानी पटना में किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर आसानी से निकल जाता था। बीते वर्ष 2014 के नौ जून को कदमकुआं थाना इलाके के दरियापुर में एक डेयरी कंपनी के 26 लाख रुपये लूट कर भागने और बमबारी के मामले (केस नंबर 259/14) में रवि नामजद आरोपित था। इसी मामले में पुलिस उसे जेल भेजेगी।
कहा जाता है कि शहर के बीचोबीच हुईं कई चर्चित हत्याओं के बाद रवि गोप को पकड़ने के लिए तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों की फौज लगाई जाती थी, लेकिन 15 वर्षों में पकड़ना तो दूसर कोई उसकी तस्वीर तक जुटा नहीं पाया। हालांकि, उसकी एक गलती का फायदा इतने वर्षों बाद पुलिस को मिला और केवल तीन दिनों की मशक्कत के बाद रवि पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
सूत्र बताते हैं कि उसने एक मुकदमे के ट्रायल को लेकर अधिवक्ता से मोबाइल पर बात की थी। उसी केस से जुड़े एक व्यक्ति ने एसटीएफ के एक डीएसपी को इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने अधिवक्ता का काल रिकार्ड खंगाला तो उसमें रवि के एक कर्मचारी का नंबर मिला। उसी नंबर की लोकेशन के आधार पर एसटीएफ के दारोगा समेत दो जवानों की टीम महाराष्ट्र के नागपुर जिले में पहुंची और रेकी करने लगी। पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से रवि को उसके फ्लैट से धर दबोचा गया।
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