बॉम्बे लीक्स ,बिहार
जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बिहार में हलचल बढ़ गई है।क्योंकि रिपोर्ट में जनगणना के मुताबिक एक ऐसी जाति की आबादी सामने आई ही, जिसकी आबादी एक प्रतिशत से भी कम है।बता दे कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद यह दिलचस्प आंकड़ा भी सामने आया है कि बिहार में जिन 215 जातियों की गणना हुई, उनमें 190 जातियां इस श्रेणी की हैं, जिनकी आबादी एक प्रतिशत भी नहीं।वहीं अब इस रिपोर्ट को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है।जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए 3 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई है।
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने जातिगत गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं।राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है। वहीं, पिछड़ा वर्ग कुल आबादी का 27.1 प्रतिशत है. बिहार जाति आधारित सर्वे में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। बिहार सरकार की इस रिपोर्ट को जल्द जारी करने को लेकर काफी दबाव बनाया जा रहा था।अब आखिरकार सोमवार को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने ये रिपोर्ट जारी कर दी है।बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय गणना पर एक किताब जारी की है।उन्होंने कहा कि बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। इसमें 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं।अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है। इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है, जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है।अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है।गणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं।जनगणना के मुताबिक बिहार की आबादी में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान हैं। बिहार में 2011 से 2022 के बीच हिंदुओं की आबादी घटी है। 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदू आबादी 82.7% और मुस्लिम आबादी 16.9% थी।बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार प्रदेश की जनसंख्या में बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है। बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है।बिहार में जातिगत सर्वे दो फेज में पूरा हुआ था।बिहार में केवल 25 जातियां ही इस श्रेणी की हैं, जिनकी संख्या एक प्रतिशत से अधिक है। एक प्रतिशत से कम आबादी वाले लोग अति पिछड़ा, मुस्लिम व सवर्ण समाज में भी हैं।उसके अनुसार, कायस्थ सहित मुस्लिम समाज की दो अगड़ी जातियों की संख्या एक प्रतिशत से कम है। कायस्थ की संख्या बिहार की कुल आबादी का 0.6011 प्रतिशत है।7 जनवरी से सर्वे का पहला फेज शुरू हुआ था. इसमें मकानों का सूचीकरण हुआ, मकानों को गिना गया. यह फेज 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था. दूसरा फेज 15 अप्रैल से शुरू हुआ। इसे 15 मई को पूरा हो जाना था। लोगों से डेटा जुटाए गए।दूसरे फेज में परिवारों की संख्या, उनकी लाइफस्टाइल, इनकम वगैरह के आंकड़े जुटाए गए।बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने जनगणना पर एक बैठक रखी है।इस बैठक में शामिल होने के लिए 9 दलों को बुलाया गया है और इसमें इस रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। वहीं इससे पहले नीतीश कुमार ने रिपोर्ट जारी करने के बाद इसे ऐतिहासिक बताया था।
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