बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायकों के अयोग्यता का मामला जल्द की निपटने के आसार देखे जा रहे है।हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में किसी प्रकार की देरी या जल्दबाजी न करने की बात भी कही है।महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर वह अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे।
गौरतलब है कि शिवसेना उद्धव गुट ने बागी विधायकों की अयोग्यता पर शीर्ष अदालत का रुख किया था।जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस सप्ताह की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर को शिंदे एवं उनके गुट के विधायकों के खिलाफ आयोग्यता याचिकाओं के निर्णय के लिए समय सीमा निर्धारित करने के वास्ते एक सप्ताह के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया था।इस मामले में अब नार्वेकर ने कहा है कि वह जो भी निर्णय लेंगे वह संवैधानिक होगा। उन्होंने कहा, मैं केवल यह कह सकता हूं कि मैं इसमें देरी नहीं करूंगा और न ही जल्दबाजी करूंगा। पीटीआई-भाषा’ के मुताबिक नार्वेकर ने कहा है कि ‘‘अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई अगले सप्ताह की शुरुआत में होगी।”वही देखा जाए तो विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने एक कार्यक्रम के अवसर पर कहा था कि वह सेना के कुछ विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले में देरी नहीं करेंगे, लेकिन इसमें जल्दबाजी भी नहीं करेंगे, क्योंकि इससे न्याय प्रभावित हो सकता है। सीएम शिंदे और उद्धव गुट गुट के विधायकों की अयोग्यता मामले मे नार्वेकर ने पिछले सप्ताह से प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की है। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर कुल 34 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे है।वही उद्धव और शिंदे दोनों गुटों का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित वकील कर रहे हैं।नार्वेकर ने जुलाई में शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के 40 और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा था।हालांकि शिवसेना (यूबीटी) उद्धव गुट ने विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में जानबूझकर देरी की जा रही है।दरअसल पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ शिवसेना से अलग हो गए थे। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से वह मुख्यमंत्री बने। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने दलबदल विरोधी कानूनों के तहत शिंदे सहित बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को स्पीकर को उचित समय के भीतर अयोग्यता मामले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
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