बॉम्बे लीक्स , दिल्ली
दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का मुद्दा विपक्षी एकता के लिए ताबूत की कील बनता जा रहा है।कांग्रेस के बाद अब सीपीआई ने दिल्ली अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी को बड़ी नसीहत दे डाली है।बता दें कि महागठबंधन की हुई बिहार में बैठक के बीच कथित उदासीनता को लेकर आम आदमी पार्टी की ओर से कांग्रेस पर लगाए गए तीखे आरोपों से पटना में उपस्थित हुए आप के नेता असहमत दिखे थे।जिसके बाद दिल्ली जाकर अध्यादेश पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने बड़ी शर्त रख दी थी।जिसका कांग्रेस ने आप को जवाब दिया था।अब सीआईआई ने भी आप को बड़ी नसीहत दी है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव दीपांकर ने आप को नसीहत देते हुए कहा है कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस के साथ प्रतिद्वंद्विता के चश्मे से देख रही है। कहा कि आप की ओर से आधिकारिक बयान में यह कहना गलत है कि कांग्रेस ने बैठक में अध्यादेश का विरोध करने से इनकार कर दिया।सीपीआई ने कहा कि अध्यादेश की निंदा को लेकर सभी दल एकमत थे, लेकिन आप नेतृत्व को इस मुद्दे को व्यापक संदर्भ में रखना चाहिए। यह बीजेपी सरकार द्वारा संविधान और संघवाद के सिद्धांत पर हमलों के बारे में है, यही कारण है कि हम सभी ने अपने मतभेदों को भुला दिया और हाथ मिला लिया।मैं जम्मू-कश्मीर के हमारे मित्रों द्वारा दिखाई गई परिपक्वता की प्रशंसा करूंगा, जिन्होंने दुख के साथ याद किया कि आप ने प्रदेश का विशेष दर्जा समाप्त करने वाले विधेयक के पक्ष में संसद में मतदान किया था।सीपीआई के मुताबिक विपक्ष की हो रही बैठक के बीच सीएम अरविंद केजरीवाल समेत तमाम आप नेताओं को रोका गया ,लेकिन केजरीवाल समेत पंजाब सीएम मान ,सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा बैठक के तत्काल बाद पटना से दिल्ली रवाना हो गए।कहा कि बिना किसी अपवाद के कांग्रेस समेत सभी दलों ने अध्यादेश की आलोचना की थी।जिसका उद्देश्य एक निर्वाचित सरकार से सत्ता छीनना है। पूरी संभावना है कि बैठक में मौजूद सभी दल अध्यादेश को बदलने वाले विधेयक के खिलाफ मतदान करेंगे। हो सकता है कि कांग्रेस इस आशय की सार्वजनिक घोषणा करने में अपना समय ले रही हो।बता दें कि दिल्ली अध्यादेश को लेकर आप ने कांग्रेस के सामने बड़ी शर्त रख दी है।आप ने कहा है कि अगर कांग्रेस संसद में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप के साथ खड़ी है तो आप विपक्षी एकता की किसी भी आगामी बैठक का हिस्सा बनने को तैयार है।अन्यथा जिस दल में कांग्रेस रहेगी उस संगठन से आप दूरी बनाकर रखेगी।वहीं सूत्रों के मुताबिक,कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बैठक में कहा कि आप के इस बयान ने विपक्ष की बैठक के लिए बने माहौल को खराब किया। इस बैठक के घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने यह भी कहा, बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि कोई कांग्रेस के सिर पर बंदूक रख दे और फिर अपनी मांगों को लेकर बातचीत करे। जबकिं आप ने बैठक के बाद शुक्रवार को कहा है कि दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस के अपना रुख स्पष्ट करने तक वह उसकी मौजूदगी वाली किसी भी विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होगी। इसने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि वह दिल्ली के लोगों के साथ है या फिर मोदी सरकार के साथ खड़ी है।
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