बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन देखने को मिला।लाखों की तादाद में इकट्ठा हुये सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि पुरानी पेंशन को लागू किया जाए। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े संगठन इस रैली में शामिल हुए हैं।वहीं इस प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने मैदान में टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी थी। बावजूद इसके सरकारी कर्मचारियों की भारी संख्या रैली स्थल पर देखने को मिली।
गौरतलब है कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर देशभर से हजारों सरकारी कर्मचारी रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में जुटे।नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के तत्वावधान में कर्मचारियों ने केंद्र के समक्ष अपनी मांग उठाने के लिए एक रैली का आयोजन किया। ‘पेंशन शंखनाद महारैली’ का आयोजन मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के बजाय पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया है।बता दें कि पुरानी पेंशन योजना के तहत 2004 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को दी जाती है। इस पेंशन योनजा के तहत एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। यह राशि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के वक्त वेतन के आधार पर तय किया जाता था।वहीं 2004 से रिटायर हुए सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है।वहीं सरकारी कर्मचारियों के पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विपक्षी दलों की ओर से पूरा समर्थन मिल रहा है।इसी क्रम में बीकेयू नेता राकेश टिकैत और आप नेता सरकारी कर्मचारियों को समर्थन देने रामलीला मैदान पहुंचे हुए थे।राकेश टिकैत ने कहा कि देश का किसान इस लड़ाई में उनके साथ है और मजबूती से लड़ने का काम करेगा।वहीं संजय सिंह ने कहा कि 40 दिन विधायक सांसद रहने वाले को पूरी जिंदगी पेंशन मिल रही है तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारियों को क्यों नहीं।उन्होंने कहा कि आप की जहां सरकार है, वहां पुरानी पेंशन लागू है।पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कांग्रेस भी मोदी सरकार पर हमलावर है।कांग्रेस ने रैली का एक वीडियो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा, पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है। कांग्रेस की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल की है। इसे लेकर हमारी नीति साफ है- कर्मचारियों को उनका हक मिलना ही चाहिए। मोदी सरकार पुरानी पेंशन बहाल करे, देश की सेवा करने वाले कर्मवीरों का सम्मान करे।
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