
रिटाएर्ड एसीपी सुरेश पवार
शाहिद अंसारी
मुंबई: सीबीआई ने 5 मई को जिन दो लोगों को रिश्वत खोरी के मामले में गिरफ्तार किया उसके बाद से ही मामले की छानबीन सीबीआई कर बड़ी ही गंभीरता से कर रही है इस मामले में ईडी के जिस ऑफ़ीसर के नाम से कॉल आए थे उसका नाम रंजीत सिंह है।लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस नाम का कोई अधिकारी मुंबई ई.डी कार्यालय में है ही नहीं।मामले को लेकर पनवेल के पूर्व एसीपी सुरेश पवार की भी छानबीन जारी है।सीबीआई रिश्वत खोरी के इस कालेबाज़ार में मौजूद नेसरगनाओं को बेनकाब करने के लिए बड़ी ही गंभीरता से मामले की जांच कर रही है।Bombay Leaks ने इस पूरे मामले में जब पड़ताल की तो उसमें कई अहम खुलासे हुए हैं।
दरअसल सीबीआई में शिकायतकर्ता राजू शेट्टी के पनवेल स्थित कपाल बार में 2 मई 2013 को तत्कालीन थाने ग्रामीण के एडिशनल एसपी एन निशानदार ने अपनी टीम के साथ छापेमारी की थी इस छापे मारी में 90 बार गर्ल के साथ साथ पुलिस ने कपाल बार से 1 करोड़ॉ 17 लाख रूपए और 900 ग्राम सोने की ज्वेलरी ज़ब्त की गई थी।इस छापेमारी के लिए इंडियन रेस्क्यु मिशन नाम की एक एनजीओ की शिकायत पर राज्य के तत्कालीन डीजी संजीव दयाल ने आदेश जारी किया था।पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए कपाल बार के मालिक राजू शेट्टी और कपाल बार बिल्डिंग के मालिक जयराम शेट्टी को पीटा ऐक्ट और पोस्को ऐक्ट के साथ साथ कई धारऐँ लगा कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

कपाल बार
करोड़ों रूपए मिलने के बाद इस मामले की जांच पनवेल क्राइम के तत्कालनी एसीपी सुरेश पवार के हाथौं सौंपी गई इस मामले में सुरेश पवार ने राजू शेट्टी से तकरीबन 40 लाख रूपए इस बात को लेकर वसूले थे कि मामले में चार्जशीट दाखिल कर के उन्हें जमानत पर रेहा करवा दिया जाएगा और वह खुद (सुरेश पवार) रिटाएर होने के बाद कपाल बार पर कबज़ा जमा कर उस डांस बार को चलाऐंगे क्योंकि यहां कमाई जमकर थी और सुरेश पवार उस दौरान रिटाएर होने के कगार पर थे और रिटाएर होने से पहले ही वह यह बंदोबस्त करना चाहते थे।पैसे वसूलने के बाद उन्होंने इस मामले को लेकर ई.डी को पत्र लिखकर आवगत कराया कि कपाल बार में करोड़ों रूपए मिले इसकी जांच ई.डी करे।
23 महीने जेल काटने के बाद राजू शेट्टी और कपाल बार की बिल्डिंग के मालिक जयराम शेट्टी जेल से बाहर आए और सुरेश पवार ने जो पत्र ईडी को लिखा उसमें 16 फरवरी 2016 को ई.डी ने दोनों व्यक्तियों को नोटिस भेज कर बुक ऑफ़ अकाउंट चेक करने के लिए मंगाया।उन्होंने इसके बाद ईडी में बुक आफ़ अकाउंट जमा किया और मामला यहीं समाप्त हो गया।
11 अप्रेल 2017 को कपाल बार बिल्डिंग के मालिक जयराम शेट्टी को वैसा ही पत्र आता है जैसा एक साल पहले आया था जैसा पहले आ चुका था।जिसके बाद 17 अप्रैल 2017 को उन्होंने ई.डी में अपने बेटे के जरिए फिर से बुक ऑफ़ अकाउंट जमां करवा दिया।
मामले में नया ट्वीस्ट तब आया जब ई.डी की ओर से दूसरा लेटर आने के बाद ठीक 11 दिन बाद यानी 22 अप्रेल 2017 को कपाल बार के मालिक राजू शेट्टी को इन दो नंबरों से काल आया और काल करने वाला अपने आप को ई.डी अधिकारी रंजीत सिंह के नाम के साथ अपना परिचय देते हुए बताया कि तुम्हारा मामला सटल करना है कि नहीं।
इस बात की जानकारी जयराम शेट्टी के पहचान वाले धनंजय शेट्टी जिसकी क्राफोड मार्केट में चाय की दुकान है जो सेंट्रल एक्साइज़ का एजेंट है और नाइक के लिए वसूली का काम करता है धनंजय शेट्टी ने जयराम शेट्टी और राजू शेट्टी को असिस्टेंट कमिश्नर (एल.टी.यू) अशोक नाइक से मिलाया।
30 अप्रैल को राजू शेट्टी की अशोक नाइक से पहली मीटिंग दादर स्थित ज्योती होटल में हुई जहा पर उन्होंने मामले में 15 करोड़ की मांग की नाइक ने बताया कि अगर यह रूपए उन्होंने नही दिए तो सारी उम्र जेल में सड़ेंगे।उसके बाद नाइक ने फोन पर काल कर के मिलने के लिए कहा कि मामला हल करना है तो आफिस मे आओ।पैसों ज़्यादा होने की वजह से रिश्वत की रकम कम करवाने के लिए 3 मई को नाइक की कफ परेड स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में तीसवें माले पर स्थित कार्यालय में मिले और इस बार रिश्वत की यह रकम 10 करोड़ पर फाइनल हुई।
5 मई को राजू शेट्टी ने इस मामले को लेकर सीबीआई में दस्तक दी और सीबीआई ने माटुंगा स्थित सहकार भंडार के पास 6 मई को शाम 7 बजे जाल बिछाया और पेशगी के तौर पर एक करोड़ 25 लाख रूपए की रकम लेते हुए अशोक नाइक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया पूछताछथ के बाद धनंजय शेट्टी को भी नाइक ने बुलाया और सीबीआई ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में तत्कालनी एसीपी सुरेश पवार की भी सीबीआई छानबीन कर रही है की कहीं वसूली के इस मामले का खेल रचने वाला वही तो नही क्योंकि शुरू से ही उन्होंने इस मामले में जम कर मलाई खाई है इसलिए संभव है कि इस वसूली के पीछे भी उसका ही हाथ हो।क्योंकि रिटाएर होने के बाद सुरेश पवार ने उसी पनवेल सिटी में सहारा लॉजिंग नाम की होटल और एक डांस बार शुरू किया जिसका नाम माया डांस बार है जो कि उसी पनवेल सिटी में स्थित है।सुरेश पवार वही एसीपी हैं जब वह साल 2014 में रिटाएर हुए तो उन्होंने खालापुर में एक पार्टी रखी थी जिसमें शराब शबाब के साथ साथ 12 बार गर्ल थी बार गर्ल में रशियन लड़किया भी परोसी गई थीं इस मामले के बाद महाराष्ट्र पुलिस की चारो तरफ़ थू थू हुई थी।
सीबीआई फिलहाल उन सब की छान बीन कर रही है जो रिश्वतखोरी के इस बाज़ार के सरगने हैं।सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर जो फोन ई.डी. के अधिकारी रंजीत सिंह के नाम से किया गया था क्या इस नाम के कोई अधिकारी ई.डी में है ? भी या नहीं जिन नंबरों से काल आया था यह नंबर आखिर कहां के हैं ? मामले को लेकर सुरेश पवार तत्कालीन एसीपी ने ई.डी को लेटर लिख कर जांच की बात कही थी क्या रिश्वतखोरी के इस गोरखधंधे के पीछे उसका हाथ है ? सीबीआई फिहलाल पूरे मामले को बड़ी ही बारीकी से जांच रही है जिसमें जल्द ही सीबीआई कुछ बड़े खुलासे करने वाली है।सीबीआई उन लोगों की तलाश मे जुटी हुई है कि जिन लोगों ने ई.डी. कार्यालय से कार्यालय से काल किया था और ईडी का कौन अधिकारी है जो इस मामले में शामिल है।इस बारे में ई.डी. डायरेक्टर सत्यब्रत कुमार ने कहा है कि इस नाम का कोई भी ई.डी अधिकारी मुंबई कार्यालय में नहीं है।
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