शाहिद अंसारी
मुंबई: देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के उन 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर नक्सल प्रभावित इलाकों में नई रणनीति बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं उनमें आँध्रप्रदेश , बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा समेत कई राज्य शामिल हैं।
हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि महाराष्ट्र में साल 2014 से डी.आई.जी गडचिरोली रेंज की पोस्ट अब तक खाली रही।यह इलाका नक्सल प्रभावित इलाका है और कुछ दिनों पहले ही नक्सली हमलों ने जानी और माली नुकसान पहुंचाया है इन हमलों और नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र पुलिस के सब से दबंग,बहादुर और जांबाज़ आईपीएस अधिकारी आर.डी. शिंदे का चयन कर बतौर डी.आई.जी गडचिरोली रेंज (नागपुर कैंप ) भेजा गया लेकिन यह पोस्ट पहले की तरह अभी भी खाली पड़ी है क्योंकि आर.डी.शिंदे ने अब तक ड्युटी ज्वाइन ही नहीं की।
जानकारी में इस बात का पता चला है कि शिंदे इस पोस्ट पर कार्यरत नहीं होना चाहते और वह किसी दूसरी जगह जाने का जुगाड़ लगाने के लिए किसी बड़े जैकपॉट की तलाश में जुटे हुए हैं जो राज्य सरकार से मिलकर उन्हें इस पोस्ट के अलावा किसी दूसरी पोस्ट पर नियुक्त करने की सिफारिश कर सके।

आर.डी.शिंदे
दरअसल राज्य सरकार ने शिंदे की काबलियत हेरफेर और डिपार्टमेंट में शातिराना चाल को मद्देनज़र रखते हुए इस इलाके में तैनात किया है ताकि वह अपनी शातिराना चाल से नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दें और ऐसे में शिंदे का इस संवेदनशील पोस्ट पर कार्यरत न होना या उस कार्यभार को न संभालना राज्य सरकार की सोच पर पानी फेरने के जैसा साबित होते दिखाई दे रहा है।हालांकि इस पोस्ट पर शिंदे के न जाने के पीछे की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि शिंदे अपने घरेलू मामलों को लेकर अपने परिवार के निकट रहना चाहते हैं ताकि परिवार की अच्छे तरीके से देखभाल कर सकें।लेकिन राज्य सरकार ने शिंदे को इस इलाके में भेजने का फैसला इसलिए किया कि वह राज्य और अपने फ़र्ज़ के लिए अपने परिवार और अपनों की मोह माया से बाहर निकल कर राज्य को नक्सलियों से स्वतंत्र करा कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कराऐं।
हमने इस संवेदनशील मामले को लेकर राज्य के डीजी सतीश माथुर और आर.डी शिंदे दोनों से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।ऐसे में यह सवाल अठता है कि शिंदे के द्वारा इस पोस्ट पर कार्यरत न होने की वजह से नक्सली कभी भी इसका गलत फाएदा उठा कर किसी तरह की वारदात अंजाम देते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
मुंबई कॉंग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने इस बारे में कहा कि यह बहुत ही अफसोस कि बात है कि एक बड़ी पोस्ट अभी भी खाली है इन इलाकों के लिए कमांडिंग ऑफीसर का रहना बेहद ज़रूरी है इससे पहले सीआरपीएफ अधिकारी की जगह 2 महीने से खाली थी सुकमा हमलों के बाद उस पर नियुक्त किया गया और डीआईजी की यह पोस्ट 2014 से खाली है तो इस तरह से हमारे जवान हैं वह कितना और क्या मुकाबला करेंगे इसलिए शिंदे को बिना देर किए उस पद पर कार्यरत होने की ज़रूरत है।
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