शाहिद अंसारी
मुंबई:मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस थाने की हद में पंजाब नेशनल बैंक के एटीएमस को लूटने की कोशिश करने वाले 2 लुटेरों को पुलिस ने एक कांस्टेबल की हाज़िर दिमागी से गिरफ्तार कर लिया लेकिन कांस्टेबल के ज़रिए किए गए इस काम की सराहना करने के बजाए शौहरत की फहरिस्त में पीएसआई अमृता माने का नाम दर्ज होगया।
घटना 3 और 4 जनवरी की है जब शिवाजी पार्क पुलिस थाने की हद में पंजाब नेशनल बैंक के एटीएमस को लूटने वालों के बारे मे कंट्रोल रूम को किसी ने फोन किया जिसके बाद कंट्रोल रूम से शिवाजी पार्क पुलिस थाने की गाड़ी नंबर 1 को कॉल किया गया लेकिन वारदात के नज़दीक गाड़ी नंबर 5 मौजूद थी।और कंट्रोल द्वारा किए गए कॉल को उन्होंने सुना इधर बात चीत चल रही थी तब गाड़ी नंबर 5 पर मौजूद पुलिस कर्मी वारदात की तरफ बढ़ने लगे।गाड़ी में मौजूद कांस्टेबल संजय दारेकर,कांस्टेबल पलवी,और ड्राइवर गंगावने घटना स्थल पर गाड़ी रोकी और आगे बढ़ने लगे तभी उनकी नज़र दोनों आरोपियों पर पड़ी जिनमें एक आरोपी ने मुंह पर कपड़ा बांधा था।आरोपियों ने भागने की कोशिश की लेकिन 3 पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेर कर पकड़ लिया।तबतक गाड़ी नंबर एक जिसे कंट्रोल से कॉल आया था उस पर मौजूद पुलिस कर्मी भी पहुंच चुके थे।आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस थाने लाया गया और उनके खिलाफ़ एटीएम तोड़कर उसे लूटने का मामला दर्ज किया गया।घटना स्थल का पुलिस ने जांच की तो पता चला की एटीएम को दोनों आरोपी तोड़ चुके थे लेकिन कैश बॉक्स तक पहुंचने से पहले ही पुलिस आधमकी और उनकी साज़िश को नाकाम बना दिया।
लूटेरों के ज़रिए एटीएम लूटने से पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार करने वाले तीन पुलिसकर्मियों को नज़र अंदाज़ कर उस दौरान गाड़ी पर मौजूद पीएसआई अमृता माने की वाहवाही की गई जो कि वारदात के समय गाड़ी नंबर 5 में सो रही थीं।चूंकि गाड़ी नंबर 5 महिलाओं की मदद के लिए रिज़र्व है लेकिन वारदात के नज़दीक होने की वजह से तीन कांस्टेबल ने यह नहीं सोचा कि वह क्यों जाऐं बल्कि अपना फ़र्ज़ क्या है इसे अहमियत देते हुए पूरी ईमानदारी और हिम्मत दिखाते हुए आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की और यह सब घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।लेकिन ड्युटी पर तैनात पीएसआई अमृता माने जो कि उस वक्त अपने फ़र्ज के प्रति लापरवाही बरतते हुए ड्युटी पर तैनात होते हुए भी पुलिस की गाड़ी में सो रहीं थी उनकी जमकर वाहवाही की गई।जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों का मनोबल घट गया और वह अपने आपको कमतर समझने लगे लेकिन इस पूरी घटना की वारदात वह किस को सुनाऐं।क्योंकि एक अदना से कांस्टेबल का दर्द भला आला पुलिस अधिकारी कैसे समझेंगे।हालांकि कई पुलिस वालों ने सीनियर शिवाजी पार्क के सीनियर पीआई से इस घटना में कांस्टेबल की भूमिका का जिक्र भी किया लेकिन उन्होंने कहा कि वह कांस्टेबल हैं इसलिए उनका नाम नहीं लिया जासकता भले ही ड्युटी पर तैनात अफसर सोई थीं लेकिन वह अपसर हैं इससलिए उनकी वाहवाही की गई।
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