शाहिद अंसारी
मुंबई:महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन में रायगढ़ के पाटबंधारे विभाग के सुभाष झगड़े नाम के कार्यकारी अभियंता ने रायगढ़ ऐंटी करप्शन ब्युरो के डी.वाई एसपी सुनील कलगुटकर और एक ठेकेदार के खिलाफ़ शिकायत की है जिसमें सुनील कलगुटकर अपहरण,वसूली और फर्ज़ी ट्रैप केस के आरोप लगाए हैं।ताज्जुब इस बात का कि एक भी फर्ज़ी ट्रैप भी कामयाब नहीं हुआ।हालांकि इसकी शिकायत सुभाष झगड़े ने ऐंटी करप्शन ब्युरो में 6 जून 2015 को ही करदी थी लेकिन अबतक ऐंटी करप्शन ब्युरो ने इसपर कार्रवाई करने के बजाए उसे बचाते हुए नज़र आरही है।
मामला 2015 का है जब इ टेंडर के माध्यम से 15 काम के ठेके दिए गए थे जिसमें यह ठेका दो कंपनियों को मिला।इनमें से दो ठेकेदारो को यह काम सौंपे गए एक ठेकेदार का नाम एडी इंजीनियर पुणे जबकि दूसरे का नाम सचिन सालुंखे है।कंपनी के टेंडर में से 15 काम थे और इसमें से 8 काम सचिन सालुंखे को और 7 काम ए.डी इंडीनियर्स को सौंपे गए।
ए.डी इंजीनियर्स ने अपने काम को पूरा कर रायगढ़ पटबंधारे विभाग को सौंप दिया जबकि 8 काम जो सचिन सालुंखे को मिले थे वह पूरे नहीं किए गए।जिसके बाद यह काम भी सालुंखे ने एडी इंजीनियर्स को सैंप दिए।लेकिन जब पैसे लेने की बारी आई तो एडी इंजीनियर्स ने अपना नक्शा जमां कर दिया जबकि सचिन सालुंखे जमां करने मे असमर्थ रहा।फिर यहीं से शुरू हुआ फ़र्जी ट्रैप,वसूली और अपहरण का घिनावना खेल।
दरअसल काम का नक्शा ना जमां करने पर जब सचिन सालुंखे को ठेकेदारी के चेक नहीं मिले तो रायगढ़ के डी.वाई एसपी सुनील कलगुटकर ने यहां इंट्री की और फिर वसूली और पर्ज़ी ट्रैप का गोरख धंधा चल पड़ा।इस दौरान सुनील कलगुटकर और ठेकेदार सचिन सालुंखे अपने साथियों के साथ शिकायतकर्ता इंजानियर सुभाष झगड़े को फर्ज़ी ट्रैप केस लगाकर तंग करना शुरू करदिया।ताज्जुब इस बात का कि यह ट्रैप एक बार भी कामयाब नहीं हुआ।और सुभाष झगड़े को डी.वाई एसपी सुनील कलगुटकर ने ठेकेदार सचिन सालुंखे को चेक देने के लिए प्रेशर बनाने लगे।लेकिन सुभाष झगड़े ने हर बार यही कहा कि जबतक काम का नक्शा जमां नहीं किया जाएगा तबतक वह चेक रिलीज़ नहीं किया जासकता।लेकिन जब फर्ज़ी ट्रैप के नाम पर फंसाने की धमकी लगातार उन्हें मिलने लगी तो उन्होंने चार चेक रिलीज़ कर दिए और बाकी के चेक रिलीज़ करने के लिए काम का नक्शा जमां करने के लिए कहा लेकिन ठेकेदार सचिन सालुंखे नक्शा जमां करने मे असमर्थ रहा।और इस दौरान कई जगहों पर सुनील कलगुटकर अपनी टीम के साथ अचानक आधमकते और जबरन अपने दोस्त ठेकेदार का चेक रिलीज़ करने की धमकी देते।और ना देने की सूरत में फर्ज़ी केस में फसाने की धमकी देते रहते।
मामले में नया मोड़ तब आया जब 2 जून 2015 को सुभाष झगड़े कोकन भवन नई मुंबई कार्यालय में विभागी कार्य पूरा करने के बाद बाहर निकलने लगे तो ठेकेदार सचिन सालुंखे और डी.वाई एसपी सुनील कलगुटकर अपनी टीम के साथ पहुंचे उनके सामने ठेकेदार ने धक्का मुक्की करते हुए चेक की मांग की जिसके बाद उन्होंने मामले को देख तुरंत 100 नंबर पर फोन कर पुलिस मदद मांगी और पास की ही एक ट्राफिक पुलिस चौकी में मदद के लिए गए।उसी दौरान डी.वाई एसपी सुनील कलगुटकर और ठेकेदार सचिन सालुंखे उस ट्राफिक चौकी में दाखिल हुए और यह कहकर कि ट्रैप लगा है यह सुनकर सारे पुलिस कर्मी बाहर चले गए कलगुटकर ने सुभाष झगड़े के दोनों फोन बंद कर दिए और वहां से अपनी प्राइवेट कार में उन्हें बैठाकर नई मुंबई सरकारी गेस्ट हाउस जाने लगे।इस दौरान तथाकथित पंच कलगुटकर के पीछे दूसरी गाड़ी में बैठे थे और कलगुटकर ने उनसे कहा कि चेक इनका रिलीज़ करो और मुझे सहयोग करो।जैसे ही सरकारी गेस्ट हाउस में पहुंचे वहां उनका फोन उन्हें दिया गया और कहा कि विभाग को काल कर चेक रिलीज़ करवाओ और मुझे 50 लाख रूपए दो।नहीं तो फर्ज़ा कार्रवाई में ऐसा फंसाओंगा कि जिंदगी भर जेल की चक्की पीसनी पड़ेगी।
वसूली का यह खेल 6 घंटे तक सरकारी गेस्ट हाउस में चलता रहा झूटी कार्रवाई के नाम पर सुभाष झगड़े को बंधक बना कर रखा गया और उनसे जबरन विभाग में फोन करवाकर चेक मंगाया गया और उन्हें छोड़ दिया गया।लेकिन 50 लाख की डिमांड कलगुटकर की तरफ से लगतार जारी रही।यहां तक कि उन्होंने उनके विभाग के लोंगों से भी संदेश भेजवाया कि झगड़े महाराष्ट्र के किसी भी कोने में होगा तो मैं उसे छोडूंगा नहीं क्योंकि अबतक उसने 50 लाख रूपए जो वसूली की रकम थी उसने दिया नहीं।
झग़डे ने उसके बाद मांसिक तनाव मे रहने लगे और मनोचिकितस्क से अपना एलाज करवाने लगे।इस बारे में जब रायगढ़ ऐंटी करप्शन ब्युरो के डी.वाई एसपी सुनील कलगुटकर मे पूछा गया तो उन्होंने कई फर्जी ट्रैप की झूटी कहानी बयान करनी शुरू कर दी जब उनसे पूछा गया कि एक भी मामले में FIR दर्ज की गई या नहीं तो कलगुटकर के पास इशका कोई जवाब नहीं था।जब इस बारे में महाराष्ट्र ऐंटी करप्शन ब्युरो के एडिश्नल डीजी संजय बरवे से पूछा गया कि आखिर कई महीनों पहले इस मामले में हुई शिकायत के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई की गई उनका जवाब था मामले की जांच चल रही है जब कार्रवाई पूरी होगी तो बताया जाएगा।
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