बॉम्बे लीक्स , मुंबई
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे गुट ने एक कदम पीछे हटते हुए दशहरा सभा के लिए शिवाजी पार्क मैदान पर अपना दावा छोड़ दिया है।शिंदे गुट ने शिवाजी पार्क के लिए मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को जो आवेदन दिया है, उसे शिंदे गुट वापस लेगा।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश के बाद सदा सरवणकर खुद मुंबई नगर निगम कार्यालय जाएंगे और आवेदन वापस लेंगे।बता दें कि मुंबई में शिवसेना के दोनों धड़ों के लिए दशहरा रैली का आयोजन महत्वपूर्ण है।क्योंकि शिवसेना अब दो गुटों में विभाजित हो गई है और कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में रैली आयोजित नहीं की गई थी।
शिवसेना के विधायक सदा सरवनकर ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि सत्तारूढ़ दल शिंदे के निर्देश पर आवेदन वापस ले रहा है।उन्होंने कहा कि दशहरा उत्साहपूर्वक मनाया जा सके, यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सौहार्दपूर्ण कदम उठाया गया है।बीएमसी के मुताबिक सत्तारूढ़ दल और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को अलग-अलग आवेदन देकर दादर के विशाल मैदान में अपनी दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी है।बीएमसी के मुताबिक उन्हें एक अगस्त को सरवनकर की ओर से और सात अगस्त को शिवसेना (यूबीटी) के केंद्रीय कार्यालय की तरफ से एक आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्होंने मैदान पर अपनी-अपनी रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी थी।जबकिं सरवनकर ने आवेदन वापस लेने के फैसले की घोषणा की और कहा कि उनकी पार्टी की रैली कहीं और होगी।शिवसेना शिंदे गुट के मुताबिक इस वर्ष भी शिवसेना का दशहरा उत्सव उत्साह के साथ मनाया जाना चाहिए। हिंदू त्योहारों के दौरान एक-दूसरे के बीच मतभेद से बचने के लिए, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री माननीय एकनाथ शिंदे साहब ने सौहार्दपूर्ण रुख अपनाते हुए दशहरा रैली कहीं और आयोजित करने का फैसला लिया है।बता दें कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने मुंबई के दादर इलाके के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन की प्रथा शुरु की थी। पिछले साल, एकनाथ शिंदे ने महा विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ शिवसेना विधायकों के एक समूह का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप एमवीए ने राज्य में अपना बहुमत खो दिया।जब 2012 में बाल ठाकरे का निधन हुआ तो शिवाजी पार्क में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया था जिस कारण शिवसेना कार्यकर्ता शिवाजी पार्क को ‘शिव-तीर्थ’ कहते हैं। यहां बाल ठाकरे का स्मारक है
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