बॉम्बे लीक्स ,राजस्थान
राजस्थान समेत कई राज्यो में में विधानसभा चुनाव नजदीक है तो वही दूसरी ओर लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी सूबे की सियासत में हलचल मची हुई है। क्योंकी आ रहे सर्वे के मुताबिक राजस्थान में इस बार भाजपा कांग्रेस के अलावा कोई और किंग मेकर की भूमिका में आ सकता है।क्योंकि राजस्थान में कभी भी तीसरे मोर्चे की सरकार नहीं बन पाई है। पिछले 30 साल से भी लगातार भाजपा या कांग्रेस पार्टी की सरकारें बनती आ रही हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान का सियासी मिजाज बदलता नजर आ रहा है क्योंकि राज्य में इस बार तीसरे धड़े की 5 पार्टियां 50 से ज्यादा सीटों पर खेल बिगाड़ सकती हैं। ऐसे में राज्य की सियासत में इन दिनों थर्ड फ्रंट बनने की चर्चा जोरो पर है।जी हां सवाल यही है कि क्या थर्ड फ्रंट की पार्टियां इस बार राजस्थान में किंगमेकर साबित होंगी।दरअसल राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी से टूटकर बनी भारतीय आदिवासी पार्टी यानी बाप इस बार राजस्थान के आदिवासी इलाकों में गहरा प्रभाव डाल सकती है। पार्टी ने अपनी तैयारियां मजबूत कर ली हैं। पिछले चुनाव में बीटीपी 11 सीटों पर लड़ी थी, जिसमें से चौरासी और सागवाड़ा दो सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं एक सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी। बाप भले ही बीटीपी से अलग हुई हो मगर पार्टी के पदाधिकारियों का दावा है बीटीपी की पूरी पुरानी टीम उनके साथ है।पार्टी का दावा है कि वो इस बार 17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इनमें उदयपुर ग्रामीण, गोगुंदा, खेरवाड़ा, झाड़ोल, सलूंबर, डूंगरपुर, आसपुर, चौरासी, घाटोल, सागवाड़ा, बागीदौरा, बांसवाड़ा, गढ़ी, कुशलगढ़, प्रतापगढ़, धरियावद, पिंडवाड़ा की आदिवासी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। इनमें से 10 से 12 सीटों पर चुनाव जीत सकती है।राजस्थान में बीएसपी थर्ड फ्रंट के तौर पर सबसे सफल पार्टी रही है। बीएसपी ने पिछले चुनाव में भी थर्ड फ्रंट के रूप में सबसे ज्यादा 6 सीटें जीती थी। मगर उसके सभी 6 विधायक चुनाव जीतते ही कांग्रेस में शामिल हाे गए थे। इस बार भी बीएसपी अपनी मजबूत दावेदारी थर्ड फ्रंट के रूप में पेश कर रही है।वही पिछले विधानसभा चुनाव में 140 सीटों पर लड़ने वाली आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। लेकिन नेशनल पार्टी बनने के बाद मजबूती से चुनाव लड़ने जा रही है। लगभग 1.5 साल से पार्टी राजस्थान में सक्रिय है। हालांकि इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के कारण राजस्थान में पार्टी चुनाव लड़ेगी या नहीं और किस तरह लड़ेगी, यह अब भी स्पष्ट नहीं है। राजस्थान में पहली बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी चुनाव में उतरने की तैयारी में है। ओवैसी राजस्थान की मुस्लिम सीटों पर प्रभाव डालना चाहते हैं। राजस्थान में ऐसी 40 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं जहां औवेसी अपने कैंडिडेट उतारने की तैयारी में हैं। हालांकि पहली बार इस तरह से चुनाव लड़ने जा रहे औवेसी की पार्टी राजस्थान में कितनी असरदार साबित होगी यह देखने वाली बात होगी।माकपा राजस्थान में ऐसी पार्टी है जो कुछ न कुछ सीटें हर चुनाव में ले जाती है। वर्तमान में भी माकपा के दो विधायक हैं। माकपा थर्ड फ्रंट के रूप में उतरेगी या नहीं यह स्पष्ट नहीं। माना जा रहा है कि माकपा राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देगी या फिर गठबंधन भी हो सकता है। अगर गठबंधन हुआ तो उत्तर-पश्चिमी राजस्थान की 4 सीटें कांग्रेस माकपा के लिए छोड़ सकती है।फिलहाल यदि ऐसा हुआ कि राज्य में थर्ड फ्रंट के बिना कांग्रेस या भाजपा सरकार नही बना सकती।तो यह मान लीजिए कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने से कोई नही रोक सकता।क्योंकि केंद्र के साथ तालमेल करके थर्ड फ्रंट राज्य में अपनी पैठ मजबूत करेगा।
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