बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला कांस्टेबल के लापता होने की गुत्थी सुलझ गई है।विगत दो सालों से महिला कांस्टेबल की खोजबीन के लिए गठित स्पेशल टीम ने लापता कांस्टेबल को लेकर बड़ा खुलासा कर डाला।पुलिस के मुताबिक लापता महिला कांस्टेबल की हत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस ने कथित तौर पर महिला कांस्टेबल की हत्या करने और उसके परिवार को यह विश्वास दिलाने के लिए कि वह जीवित है, तीन लोगों की गिरफ्तारी की है।इस मामले में एक मुख्य आरोपी दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल भी शामिल है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिल्ली पुलिस में महिला कांस्टेबल के पद पर 27 साल की मोना 2014 में, जबकि सुरेंद्र 2012 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था।भर्ती के दौरान दोनों ही दिल्ली पीसीआर में तैनात थे।वहीं से सुरेंद्र उसके संपर्क में आ गया। मोना सुरेंद्र को पिता बुलाती थी और सुरेंद्र उसे बेटा बोलता था।इसी बीच मोना का चयन यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के लिए हो गया, फिर वो दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ मुखर्जी नगर में यूपीएससी की तैयारी करने लगी, पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र उस पर बुरी नजर रखने लगा, जब मोना ने इसका विरोध किया तो वो 8 सितंबर 2021 को मोना को अलीपुर अपने घर की तरफ ले गया और उसकी हत्या कर दी।पुलिस के मुताबिक रविन्द्र यादव ने इस अपराध में मोना को अलीपुर में दफना दिया और ऊपर से पत्थर रख दिए। इसके बाद उसने मोना के घरवालों को बताया कि मोना कहीं गायब हो गई है।कई बार वो मोना के घरवालों के साथ वो पुलिस थाने भी गया। उसने मोना को जिंदा दिखाने के लिए किसी और लड़की को लेकर उसके नाम से कोरोना वैक्सीन के फर्जी सर्टिफिकेट बनवा दिए, वो मोना के बैंक अकाउंट से लेनदेन भी करता रहा। यह सब पुलिस और परिवार वालो को गुमराह करने के लिए ताकि जिससे लगे कि वो जिंदा है।यही नही सुरेंद्र उसके सिमकार्ड का भी इस्तेमाल करता रहा, वो मोना के घरवालों को झूठी जानकारी देकर कहता कि उसे किसी ने फोन किया है और इस लोकेशन पर है।यही नही पुलिस और पीड़िता के परिजनों को धोखा देने के लिए सुरेंद्र का साला रॉबिन कॉल गर्ल के साथ हरियाणा, देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी आदि शहरों के होटल में गया।वहां से वह पीड़िता के घर फोन करके कहता था कि पीड़िता उसके पास है।मोना बुलंदशहर के एक गांव की रहने वाली थी ,उसके घरवालों के मुताबिक वो पढ़ाई में टॉपर थी. उसने बीएड किया था और वो आईएएस बनना चाहती थी।लेकिन सपने टूट गया।उधर आरोपी सुरेंद्र शादी शुदा है और उसका 12 साल का बेटा है।उसे लगा कि मोना अफसर बन जाएगी और अब इससे शादी करना ठीक रहेगा।लेकिन मोना उसे एक पिता की नजर से देखती थी।पुलिस अब बरामद कंकाल का डीएनए टेस्ट कराएगी।पुलिस के मुताबिक आरोपी सुरेंद्र के बहनोई रॉबिन (26) और राजपाल (33) ने अपराध को छिपाने में उसकी मदद की।कहा कि पुलिस ने बुराड़ी के पुश्ता इलाके से पीड़िता के कंकाल के अवशेष बरामद किए और उन्हें डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भेजा ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे महिला के हैं।
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