बॉम्बे लीक्स ,महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में पवार बनाम पवार के बीच सियासी जंग जारी है।चाचा भतीजे के बीच जारी सियासी संघर्ष के बीच दोनों गुट अपनी अपनी शक्ति का अहसास कराते जा रहे है।वहीं दोनों गुटो के विधायक इधर उधर आते जाते देखे जा रहे है।वहीं सियासी जंग के बीच कभी चाचा शरद पवार भतीजे अजीत पर भारी दिखे तो कभी शरद भतीजे अजीत पर भारी दिखे।लेकिन अब फिर से अजीत चाचा शरद पर भारी होते जा रहे है।देखते देखते अब तीसरी बार अजीत गुट में शरद खेमे से जुड़े एक विधायक ने वापसी कर ली है।
गौरतलब है कि अजित पवार की बगावत के बाद अब विधायकों की अदला-बदली का खेल शुरू है। शरद पवार खेमा लगातार अपने बागी विधायकों के संपर्क में है और उन्हें मनाने की कोशिश चल रही है, वहीं अजित पवार भी बचे हुए विधायकों को सत्ता में आने का न्योता दे रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में आया राम और गया राम’ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।एनसीपी में दोनों गुटों के बीच शह-मात का खेल जारी है। दोनों ही खेमा अपने को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस साबित करने में जुटे हुए हैं।इस बीच एक बार फिर शरद पवार खेमे को झटका लगा है।दरअसल शरद गुट के एक और विधायक ने अजित गुट को जॉइन कर लिया है।ऐसे में भतीजे छोटे पवार के हाथों में ही ज्यादा पावर दिख रही है। क्योंकि यह तीसरी बार हुआ है जब शरद पवार खेमे के एक और विधायक ने पाला बदलने के संकेत दिए हैं। विधायक राजेंद्र शिंगने ने कहा है कि अगर अजित पवार बुलढाणा जिला बैंक को मदद करेंगे तो मैं उन्हें समर्थन दे सकता हूं।बता दें कि विधायक शिंगने के अलावा विधायक मकरंद पाटिल जो 5 जुलाई को हुई बैठक में शरद पावर के साथ थे, उन्होंने भी ऐलान कर दिया है कि वो अब अजित पवार के साथ हैं।यानी भतीजे अजित पवार लगातार चाचा के कुनबे में सेंध लगा रहे हैं। इनके अलावा एनसीपी नेता किरण लाहामटे भी शरद पवार की बैठक में दिखाई दिए थे, लेकिन उन्होंने भी अजित पवार से मुलाकात की है।जिसके बाद माना जा रहा है कि अजित पवार ने डील क्रैक कर ली है और इन विधायकों को भी वो अपने पाले में खींच लेंगे।वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य स्तरीय पार्टियों को “नष्ट” करने और विपक्ष को कमजोर करने की योजना बनाए हुए है।अपने भतीजे अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कई अन्य विधायकों के उनके खिलाफ विद्रोह करने और महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के कुछ दिनों बाद, शरद पवार पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से एकजुट करने के प्रयास में सड़क पर उतरे।शरद पवार ने कहा कि भाजपा जानती है कि उसके लिए क्या होने वाला है और इसलिए वह 2024 में लोकसभा में बहुमत सुनिश्चित करने के लिए अन्य दलों को तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह चुनावी लोकतंत्र के लिए बहुत हानिकारक है।एनसीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि वह उन लोगों पर विचार नहीं करते जिनसे उनका मतभेद है।
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