बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
राजधानी दिल्ली में एलजी और सीएम केजरीवाल के बीच जंग थमने का नाम नही ले रही।दिल्ली सरकार के पावर पर एलजी की चली कैंची को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल एलजी और केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए।केजरीवाल के मुताबिक वे इस मसले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे।बता दें कि दिल्ली उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में सलाहकार और फेलो के रूप में कार्यरत 437 लोगों की सेवा समाप्त कर दी है।जिसे लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल काफी नाराज है।
केजरीवाल दिल्ली एलजी और केंद्र सरकार पर जमकर बरसे।उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि एलजी का यह आदेश दिल्ली सरकार और उसकी सेवाओं का पूरी तरह से गला घोंट देगा।कहा कि मुझे नहीं पता कि यह सब करके एलजी को क्या हासिल होगा?लेकिन मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट एलजी के इस फैसले को तुरंत रद्द कर देगा।बता दे कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अलग-अलग विभागों से जुड़े बोर्ड, आयोग और कमेटियों में 437 लोगों को फेलो, एसोसिएट फेलो, एडवाइजर, डिप्टी एडवाइजर्स, स्पेशलिस्ट, सीनियर रिसर्च आफिसर्स और कंसलटैंट के पदों पर नियुक्त किया था।पद के हिसाब ने इस लोगों को 60 हजार से 2 लाख 65 रुपए प्रति माह के हिसाब से भुगतान किया जा रहा था।एलजी के आदेश के बाद इन लोगों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त हो गई है।इन लोगों की सेवा समाप्त होने का सीधा असर दिल्ली सरकार के कामकाज पर होगा। यही वजह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एलजी वीके सक्सेना के आदेश को दिल्ली सरकार और उसकी सेवाओं का गला घोटने वाला करार दिया है।दरअसल दिल्ली सरकार सेवा विभाग ने चार जून को दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सभी विभागों, बोर्ड, आयोगों और स्वायत्त निकायों को पत्र लिखकर साफ कर दिया कि फेलो और सलाहकारों की नियुक्ति वो नहीं कर सकते। ऐसा करने से पहले एलजी विनय सक्सेना से मंजूरी लेने को कहा गया है। सभी विभागों और बोर्डों से कहा गया है कि आप बिना पूर्व मंजूरी के किसी को ‘फेलो’ और सलाहकार के रूप में काम पर नहीं रख सकते। दिल्ली सरकार सेवा विभाग की ओर से यह पत्र उपराज्यपाल द्वारा भर्ती में कथित अनियमितताओं का हवाला देते हुए विभिन्न विभागों में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा नियुक्त लगभग 400 विशेषज्ञों की सेवाओं को समाप्त करने के बाद जारी हुआ है। दो दिन पहले सेवा विभाग के फैसले को आप सरकार ने असंवैधानिक करार दिया था। आप नेताओं ने सेवा विभाग के फैसले को चुनौती देने के संकेत दिए हैं।
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