बॉम्बे लीक्स ,राजस्थान
राजस्थान में विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नही है।ऐसे में सभी पार्टियां राज्य में चुनावी तैयारियों में जुटी है।वहीं कांग्रेस का राजस्थान में दोबारा सत्ता में आने को लेकर मंथन जारी है।राज्य में सभी की निगाहें नाराज चल रहे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर टिकी हुई है।वहीं कांग्रेस भी चुनाव के साल में पायलट को नाराज नही करना चाह रही है।इसी के बीच अब कांग्रेस की फिर से आज बैठक होने जा रही है।बैठक की वजह यह है कि पायलट अब तक कांग्रेस के बताए फार्मूले को स्वीकार नही कर रहे है।वही बता दें कि पायलट सीएम गहलोत के खिलाफ आंदोलन कर चुके है।हालांकि अब पायलट खामोश होकर पार्टी आलाकमान के फैसले का इंतज़ार कर रहे है।
गौरतलब है कि आज गुरुवार को कांग्रेस पायलट गहलोत विवाद को लेकर फिर से बड़ी बैठक करने जा रही है।सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट फिर से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद चाहते हैं। लेकिन पार्टी नेतृत्व उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाना चाहता है। बीच के रास्ते के तौर पर उन्हें चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है।पिछले हफ्ते ही छत्तीसगढ़ की बैठक के बाद कांग्रेस ने टीएस सिंह देव को उप-मुख्यमंत्री बनाने का एलान किया था।ऐसे में कयास लग रहे हैं कि क्या राजस्थान में भी कोई उप- मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? बीते कुछ दिनों से हरीश चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा चल रही है।हालांकि यह साफ है कि राजस्थान में कांग्रेस गहलोत के चेहरे पर चुनाव में उतरेगी।इंतजार संगठन और गहलोत सरकार में फेरबदल का हो रहा है।देखना है कि पायलट को लेकर कांग्रेस क्या फैसला करती है और क्या पायलट पार्टी का फैसला मानते हैं।कांग्रेस आलाकमान को पता है कि वो जितना भी मंथन कर लें जब तक गहलोत और पायलट मिल कर चुनाव नहीं लड़ेंगे तब तक दुबारा चुनाव जीत पाना बेहद मुश्किल होगा।हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की होने वाली बैठक केवल चुनावी तैयारियों को लेकर होगी।इसमें सभी नेताओं से फीड बैक लिया जाएगा।कहा जा रहा है कि गहलोत–पायलट विवाद को लेकर इस बैठक में चर्चा नहीं होगी, लेकिन माना जा है कि चुनावी बैठक में जहां एक तरफ गहलोत अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करेंगे तो वहीं पायलट गहलोत सरकार की खामियों को उठा सकते हैं।बता दें कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार की जांच और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर पायलट ने अप्रैल में गहलोत सरकार के खिलाफ पदयात्रा की थी। दरअसल गहलोत–पायलट विवाद कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।हालांकि दोनों गुटों को लेकर मई के आखिर में खरगे और राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट को साथ बिठाकर एकजुट रहने को कहा है।जबकि एक महीना बीत जाने के बाद भी ना तो पायलट की मांगों को लेकर कोई कार्रवाई हुई ना ही पायलट के लिए किसी पद का ऐलान किया गया।जिसके बाद पायलट पार्टी आलाकमान से भी नाराज बताये जा रहे है।दरअसल बीते कुछ दिनों में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर चुका है।अब गुरुवार को राजस्थान की बारी है। गुरुवार की सुबह ग्यारह बजे से कांग्रेस मुख्यालय में राजस्थान के प्रमुख नेताओं के साथ पार्टी अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी रणनीति बनाएंगे।इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ेंगे।
Post View : 86524