बॉम्बे लीक्स ,राजस्थान
राजस्थान में एक बार फिर नए जिले बनाने की कवायद तेज हो गई है। जिसके बाद अब राजस्थान में 50 नहीं बल्कि 64 जिले होंगे।वहीं 10 संभागों की जगह 13 संभाग हो सकते हैं। इसे लेकर गठित राम लुभाया कमेटी ने एक्सरसाइज तेज हो गई है।बता दें कि राजस्थान में इसी एक साल के भीतर विधानसभा चुनाव होने वाले है।ऐसे में कांग्रेस सीएम गहलोत के नेतृत्व में सरकार रिपीट करने की तैयारी में है।जिसके चलते सीएम अशोक गहलोत पूरी तैयारियों के साथ एक एक बाद एक योजनाओं को अमली जामा पहनाने में लगे हुए है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट सत्र में 19 नए जिलों की घोषणा के बाद एक बार फिर लोगों को बड़ी सौगात मिल सकती है। अब राज्य सरकार 14 नए शहरों और कस्बों को नए जिला बनाने की तैयारी कर रही है। इस तरीके से राजस्थान में अब 64 जिले हो जाएंगे। इसके अलावा तीन और नए सम्भाग बन सकते हैं। जिसके बाद राज्य में कुल 13 संभाग हो सकते हैं।इन सभी प्रस्ताव के लिए रामलुभाया राज्य स्तरीय कमेटी को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद नए जिलों और सम्भाग की घोषणा होगी। इसे अशोक गहलोत की चुनावी साल में यह बड़ी घोषणा मानी जा रही है। नए जिलों में बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना (कुचामन), डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, कोटपूतली (बहरोड़), खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूंबर, सांचोर, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी, शाहपुरा जिले शामिल है। वहीं नए संभाग बांसवाड़ा, पाली और सीकर प्रस्तावित है।नए जिलों की घोषणा के बाद टोंक जिले के मालपुरा में जिला बनाने का आंदोलन व्यापक स्तर पर चला। यहां के लोग दूदू और केकड़ी के नए जिले में शामिल नहीं होना चाहते है। इसको लेकर मालपुरा में आमरण अनशन समेत कई आंदोलन हुए। इसको लेकर हाल ही में 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान ने मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर अपनी रूचि दिखाई। इसको लेकर उन्होंने सरकार से जिला बनाने की मांग उठाई। इसको देखते हुए मालपुरा को जिला बनाने का प्रस्ताव कमेटी को भेजा गया है।वहीं सांभर फुलेरा क्षेत्र के लोगों ने भी जिला बनाने की मांग को लेकर पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया। क्षेत्र को दूदू जिले में शामिल करना प्रस्तावित था। लेकिन यहां इसका इसके विरोध में जमकर आंदोलन हुआ। सांभर और फुलेरा दोनों ही शहर सड़क, रेल, परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, व्यापार, पर्यटन की दृष्टि से दूदू से बेहतर हैं। इसको लेकर गत दिनों विधायक बाबूलाल नागर और भाजपा नेता दीनदयाल कुमावत के बीच हाइवे जाम करने को लेकर जमकर तकरार हुई। दूसरी ओर फुलेरा विधायक निर्मल कुमावत भी अपने क्षेत्र का दूदू में विलय नहीं चाहते।
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