बॉम्बे लीक्स, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का सोमवार को रास्ता साफ हो गया। यह देखते हुए कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित एक समर्पित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट दे दी है, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में आ जल्द ही निकाय चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग कर सकता है।क्योंकि अब उत्तर प्रदेश में रुके हुए निकाय चुनाव को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी (OBC) आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की इजाजत दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सीएम योगी ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम योगी ने इस मामले को लेकर ट्वीट कर लिखा- “माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा OBC आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर OBC आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है। विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने हेतु प्रतिबद्ध है।दरअसल यूपी सरकार ने यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के संबंध में एक रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी, जिसके बाद इस मामले को देखने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी। वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले साल दिसंबर में निकाय चुनावों पर राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया था और ओबीसी के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद पैनल का गठन किया गया था।यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था।देखा जाए तो यूपी में 760 नगर निकायों पर चुनाव होने वाले हैं, जिसमें मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद की सीट शामिल है।अब सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद राजनीतिक दल फिर से एक्टिव हो गए हैं, लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की राजनीति में यह चुनाव बड़ा अहम है। जहां बसपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह नगर निकाय चुनाव के लिए अपने सांसदों के साथ बैठक करेगी और आम आदमी पार्टी (AAP) यूपी नगर निकाय चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
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