मुंबई: एवेरेस्ट कंपनी के मालिक संजीव शाह द्वारा HDFC बैंक के कर्मचारियों के साथ मिल कर डेटा लीक करने के मामले में दिंडोशी पुलिस की जांच पर न केवल आरोप लग रहे हैं बल्कि एक सवालिया निशान भी लग रहा है आपको बता दें की दिंडोशी पुलिस ने डेटा लीक करने के एक मामले में जांच के बाद यह जानकारी दी है कि संजीव शाह के कहने पर पीड़ित अश्विन सेठ का डेटा HDFC बैंक द्वारा लीक किया गया है। बावजूद इसके पुलिस अब तक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने में समर्थ है।
पीड़ित का आरोप है की संजीव शाह और HDFC बैंक के कर्मचारियों को बचाने के लिए पुलिस ने मामले को रफा दफा करते हुए केस को बंद कर दिया है।जबकि नियम के अनुसार इस मामले में पुलिस को 43A,66,72 और 72A,379,406,409,120B,34 ,आईपीसी 1860 के धारा के तहत एफआईआर दर्ज करना चाहिए थी।
आपको बता दें की अब तक 2 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही किया है।हैरानी की बात यह है को इस मामले में अदना से आला अफसरान का रवैया पूरी तरह से आरोपियों को बचाने और पीड़ित को चप्पल घिसाने के जैसा लग रहा है।
पीड़ित ने आरोप लगाया है की अब आम व्यक्तियों के बैंक डेटा बैंक में सुरक्षित नही हैं। बैंकों में बढ़ रही भ्र्ष्टाचार की वारदातों पर पुलिस भी केस दर्ज करने में अब लाचार है ।
कल ही मुंबई कमिश्नर का कार्यभार संभालने वाले नए सीपी विवेक फंसालकर ने यह बात कही है की पुलिस थाने में आम आदमियों को होने वाली परेशानियों को लेकर वह फिकरमंद हैं लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है की पुलिस थाने में आम आदमियों को कार्रवाई के नाम पर कैसे घुमाया जाता है।
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