
असिस्टेंट कमिश्नर किरण दिघावकर
शाहिद अंसारी
मुंबई : पिछले हफ्ते Bombay Leaks द्वारा डी कंपनी के ज़रिए 7500000000 रूपए के मोथा मार्केट मे चल रहे अवैद निर्माण की ख़बर प्रकाशित की गई थी जिसक बाद से ही डी- कंपनी और बीएमसी महकमे में हड़कंप मच गया क्योंकि इस अवैध निर्माण का पर्दा फाश होने के बाद बीएमसी और अंडरवर्ल्ड के रिश्ते बेनकाब होते दिखाई दे रहे हैं। जानकारी में इस बात का पता चला कि डी-कंपनी के इस अवैध निर्माण के पीछे खुद बीएमसी ए वार्ड के वार्ड असिस्टेंट कमिश्नर किरण दिघावकर का ही हाथ है और वह इस अवैध निर्माण के दौरान भारत छोड़ इंडोनेशिया में जा बैठे था ताकि उनके बाहर रहने तक डी-कंपनी का अवैध निर्माण पूरा हो जाए और जब वह वापस आऐं तो कार्रवाई से अपना हाथ खड़े करलें। हालांकि वहां किस मकसद से गए थे यह बात अब तक साफ नहीं हो पाई। इस तरह से डी- कंपनी का यह गोरख धंधा चलता रहेगा और अवैध दुकानों से बीएमसी की रिश्वतखोरी की दुकान चलती रहेगी।
हालांकि इस मामले को लेकर असिस्टेंट कमिश्नर बीएमसी किरण दिघावकर ने कार्रवाई की बात कही थी लेकिन यह कार्रवाई अब काग़जों तक सिमट कर रह गई और मोथा मार्केट में लाखों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए यह अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है। । ध्यान रहे इसके बगल में सहारा सारा मार्केट भी हैं जहां बीएमसी की मिलीभगत से 100 से ज्यादा अवैध दुकानें दाऊद के भाई इकबाल कासकर बनाई हैं जिसे माहौल गरम होने के दौरान बीएमसी तोड़ने का नाटक करती है और दूसरे दिन फिर से 100 अवैध दुकानें तय्यार होजाती हैं।
हमने असिस्टेंट कमिश्नर दिघावकर से मामले को लेकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने पक्ष देने के बजाए फोन रिजेक्ट लिस्ट पर लगा दिया और व्हाट्सप ब्लाक कर दिया।
D- कंपनी का 7500000000 रूपए का मोथा मार्केट में अवैध निर्माण

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