
जांबाज़ कांस्टेबल संतोष कोली
शाहिद अंसारी
मुबंई:सविल ड्रेस में मौजूद एक जाबाज़ कांस्टेबल उस वक्त आग बगोला हो गए जब उन्होंने एक होटल वाले से 7 अप मांगा लेकिन 7 अप न होने की वजह से होटल वाले ने गलती से स्प्राइट थमा दिया जिसके बाद जाबाज़ कांस्टेबल आग बगोला होगए और उन्होंने वेटर को थपप्ड़ रसीद कर दिया।तु तू मैं मैं बढ़ गई और जाबाज़ कांस्टेबल ने वेटर समेत होटल मालिक मैनेजर सब पर कुलाबा पुलिस थाने में मामला दर्ज करवा दिया।होटल वाले तब तक इस बात से बेखबर थे कि 7 अप की जगह गलती से जिसे स्प्राइट दिया वह महाशय स्काटलैंड यार्ड में कार्यरत एक जांबाज़ (पुलिस कांस्टेबल) हैं।
घटना 27 अक्तूबर को 2 बजकर 22 मिनट मुबंई के कुलाबा इलाके की है जब कुलाबा पुलिस थाने में कार्यत पुलिस कांस्टेबल संतोष कोली ने सादे लिबास में गोकुल रेस्टुरेंट ऐंड बार में अपने दूसरे साथी के साथ 7 अप मांगा लेकिन 7 अप न होने की वजह से वेटर ने स्प्राइट थमा दिया जिसके बाद कोली गुस्से में आगए और वेटर भासकर दोषी को थप्पड़ रसीद कर दिया।इतने पर कोली का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने होटल मालिक को बुलाया और फिर शुरू होगई तू तू मैं मैं।इस दौरान होटल मालिक दिनेश पुजारी ने कांस्टेबल कोली को हाथ से धक्का दे दिया।तब तक लोगों को पता नहीं था कि 7 अप की जगह जिसे उन्होंने स्प्राइट थमाया वह शख्स कोई मामूली आदमी नहीं बल्कि स्कॉटलैंड यार्ड (मुबंई पुलिस) के कुलाबा पुलिस थाने में कार्यरत कांस्टेबल संतोष कोली हैं।

खूंखार वेटर और होटल मैनेजर
मामला कुलाबा पुलिस थाने पहुंचा और फिर पुलिस ने होटल मालिक दिनेश पुजारी होटल मैनेजर सतीश पुजारी और खूंखार वेटर भासकर जोशी ( जिसने 7 अप न होने की वजह से गलती से जांबाज़ कांस्टेबल संतोष कोली को स्प्राइट थमा दिया था ) के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 353(सरकारी काम में दखल देना) मार पीट गाली गलोच की धाराओं के साथ तहेत FIR (संख्या 148/2016) दर्ज कर बड़ी ही मुस्तैदी से तीन लोगों को गिरफ्तार करने में कामयाब हासिल की। लेकिन एक नामालूम शख्स के खिलाफ़ भी जाबाज़ कांस्टेबल ने मामला दर्ज किया है वह अभी पुलिस की पहुंच से बाहर है।चौंकाने वाली बात तो यह है कि पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में असल मामला क्या हुआ और समय पूरी तरह से बदल दिया गया।क्योंकि घटना की वीडियो रिकार्डिंग होटल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।सीसीटीवी के मुताबिक घटना का समय 2 बजकर 22 मिनट था और सही घटना थी 7 अप की जगह स्प्राइट देने को लेकर हुआ झगड़ा।लेकिन पुलिस बड़ी ही सफाई से मामले को फिट कर 4 लोगों पर झूटा मामला दर्ज कर लिया और FIR में समय असल घटना के आधे घंटे के बाद का लिख दिया।अपनी FIR में पुलिस ने मामला यह लिखा कि उनके जांबाज़ कांस्टेबल हॉकर्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे जिसमें होटल वाले ने दखल अंदाज़ी की इसलिए सरकारी काम में दखल अंदाज़ी का मामला दर्ज किया गया।

कुलाबा सीनियर पीआई विजय धोपावकर
होटल मालिक ने बताया कि मामला दर्ज करने की पीछे की असल वजह यह है कि वरली में स्थित कारनिवल बार के मालिक रवी बैध से पैसों को लेकर कुछ विवाद चल रहा है और मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ की रायपुर कोर्ट में चल रही है।कुलाबा सीनियर पीआई विजय धोपावकर कारनिवल बार के मालिक रवी बैध के सम्बंध होने की वजह से विवादित पैसों की वसूली का ठेका लेकर लगातार परेशान कर रहे हैं।कई दिनों से कुलाबा सीनियर पीआई ने उस पैसे को लेकर जिसका मामला छत्तीसगढ़ की कोर्ट मे चल रहा है जिसको लेकर विवाद चल रहा है उसे अदा करने के लिए कहा है।विवाद 19 लाख का था जबकि रवी बैध कुलाबा सीनियर पाई के शह पर अब 19 लाख की जगह 40 लाख की वसूली की मांग कर रहे हैं।होटल के मालिक ने कहा कि मामाल कोर्ट में चल रहा है इसे पुलिस थाने में कैसे सुलझाया जा सकता है।इसी बात को लेकर सीनियर पीआई ने अपनी भड़ास निकाली जबकि इसी मामले को लेकर पिछले सीनियर पीआई विनय गाड़गिल ने पुलिस थाने में तहकीकात कर मामले को बंद किया और कहा कि यह मामला सिविल है और मामला कोर्ट में चल रहा है।
इस बारे में कुलाबा सीनियर पीआई विजय धोपावकर से जब बात की गई तो पहले तो उन्होंने इस मामले में बात करने से आना कानी की और कहा कि एक महीने पुरानी घटना पर खबर लिखने का प्रावधान नहीं है।जब उनसे असल वजह बता कर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीसीटीवी हमारे पास भी है जिसे शिकायतकर्ता ने दी है लेकिन हवलदार ने होटल वाले को मारा उस पर मामला दर्ज करने या कार्रवाई का सवाल ही उठता क्योंकि पुलिस को तो मारने का अधिकार है और होटल वाले ने उसे धक्का दिया उस पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।रही बात पैसों की वसूली की तो कोई कुछ भी बोल सकता है।
एक तरफ पुलिस किसी भी मामले में FIR दर्ज न करने के लिए आना कानी करती है और मामलें में NC दर्ज कर चलता करती है लेकिन दूसरी तरफ अपने एक कांस्टेबल की शिकायत पर जिसके बारे में किसी को पता नहीं कि वह कौन है वह ऑन ड्युटी है भी या नहीं।लेकिन वहां मामला भी दर्ज हो जाता है और आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया जाता है।लेकिन सोचने वाली बात है कि इस तरह की सुविधा पुलिस आखिर आम आदमियों को क्यों नहीं दे पाती क्योंकि वेटर को जब कांस्टेबल ने मारा उस बात को लेकर होटल वाले कार्रवाई की मांग कर रहे लेकिन उनकी सुनवाई आज तक पुलिस थाने में नहीं हुई।
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