शाहिद अंसारी
मुंबई: एमआईएम नेता असद उद्दीन अवैसी ने वक्फ़ की जायदाद के भ्रष्टाचार को लेकर और उसमें बड़े पैमाने पर हुए घपले को लेकर कांग्रेस एमएलए और पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आरिफ़ नसीम खान यह तेरे बाप की जागीर नहीं अल्लाह की अमानत है राजनीति को धर्म के डंडे से हांकने वाले अवैसी ने कल मुबंई में मिनारा मस्जिद के पास जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मुबंई में वक्फ़ की 1200 जगहें हैं जिनका सेंट्रल वक्फ़ कीउंसिल ने सर्वे किया है चैरिटी कमिश्नर के अनुसार 1500 वक्फ़ की जगहें हैं लेकिन मौजूदा सर्वे रिपोर्ट के अनुसार वक्फ़ की मात्र 340 जगहें हैं जिसको लेकर अवैसी भावनात्मक रूप से कहा कि आरिफ़ नसीम खान यह बताओ कि बाकी की 800 जगहें कहां गई यह तेरे बाप की जायदाद है।यह खुदा की अमानत है तुमने अल्लाह की अमानत से खिलवाड़ किया है तुम आसमानी अज़ाब के लिए तय्यार रहो।हालांकि आरिफ़ नसीम खान से स पर उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया तो व्यस्त होने की वजह से उनका जवाब नहीं मिला।
आज कल वक्फ़ बचाव मुहिम की आड़ में कुछ लोग अपनी दुकानदारी चमकाने की फिराक में किसी भी तरह का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते ताज्जुब इस बात का जिस मुहिम का आगाज़ लोग करते हैं बैकडोर से उसमें वक्फ़ माफिया ही शामिल होते हैं।हाल ही में छोटा सोनापुर क़बरस्तान को लेकर 345 अवैध दुकानदारों को लेकर बांगदार दावे किए गए थे लेकिन आजतक वह लोग वहीं के वहीं है।हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने बचाने की कोशिश की वही लोग उन दुकानदारों को रेगुलराइज़ करने का लॉलीपॉप भी दे रहे हैं।

वक्फ के नाम पर वक्फ़ की प्रॉपर्टी के वारे नियारे करने वाले कांग्रेस नेता नसीम खान
सेंट्रल वक्फ़ काउंसिल के सेक्रेटरी बी.ए.जमाल को लिखे गए एक पत्र में उन्हें वक्फ़ बचाव मुहिम के अंतर्गत आवेदन कर उन्हें मुबंई बुलाने की कोशिश की गई चूंकि सेक्रेटरी बी.ए.जमाल को मुंबई में मौजूद वक्फ माफियाओं की शायद जानकारी नही है तो हो सकता है कि वह इस मुहिम में हिस्सा लेकर वक्फ माफियाओं के हौसले बुलंद करें लेकिन जिस प्रकार से पहले मुस्लिम प्रोफेश्नल के नाम पर ज़कात फितरा इक्ट्ठा किया गया फिर उसके बाद जॉब फैर का लॉलीपॉप फिर आखिर में मजलिस-ए-मशावरात को लेकर पद की हौड़ के पीछे कुछ तथाकथिक लोग अपनी उंगली कटा कर शहीदों में नाम लिखा चुके हैं अब वही ऐसे लोगों के साथ जो खुद वक्फ़ माफिया की फहरिस्त में पहले नंबर पर हैं उनके साथ वक्फ बचाव मुहिम का आरंभ करने की अपील की है ध्यान रहे सेंट्रल वक्फ़ काउंसिल में जैनबिया ट्रस्ट को लेकर उठे विवाद के चलते रिजवी बिल्डर को भी वक्फ माफियाओं की लिस्ट में शामिल किया है।इस सिलसिले में अपनी नौकरी दांव पर लाग चुकी वक्फ़ बोर्ड की अधिकारी नसीम बानों को भी ऐसी ही मुहिम में शामिल किया गया है।
बचाव मुहिम के नाम पर गोरख धंधा करने वालों का पर्दा फाश तब हुआ जब एक पत्र आमिर इद्रीसी नाम के तथाकथित वक्फ बचाव मुहिम की ओर से माइनारिटी मिनिस्ट्री को भेजा गया।पुख्ता जानकारी से यह पता चला है कि उच्च पदों पर जो लोग तैनात हैं उनसे जब बात की गई जिस पर माइनारिटी मिनिस्ट्री के कुछ अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि भी की लेकिन उन्होंने आगे कहा कि हमारी तरफ से वक्फ माफियाओं को चिन्हित कर लिया गया है इसके आधार पर हर राज्य में एक लिस्ट बनाई गई है जिसमें वक्फ़ माफिया और वक्फ माफियाओं के गॉड फ़ादर की लिस्ट और उसके साथ साथ भ्रष्ट अधिकारियों और वक्फ बोर्ड के सदस्यों की लिस्ट भी तय्यार है और ऐसे किसी भी सीमिनार को ऐसे वक्फ माफिया जिन्हें चिन्हित किया गया है कि अगर वह शामिल हैं या उसके आयोजक हैं तो मौजूदा सरकार के कोई भी प्रतिनिधि या वक्फ काउंसिल का सदस्य उसमें शामिल नहीं होगा।
इन चीज़ों की पुष्टि करते हुए नागपुर से सेंट्रल वक्फ़ काउंसिल के सदस्य इंजीनियर मुहम्मद हामिद ने बताया कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल बहुत ही सख्त और गंभीर है।हम इन तीनों लिस्ट में बताए गए वक्फ़ माफियाओं को मकोका की श्रेणी में लाना चाहते हैं।इसकी वजह यह है कि अपराध जगत के लोग उनके रिश्तेदार और उनके छोटे मोटे एजेंट अब अपराध की दुनिया को छोड़कर वक्फ की जगहों की खरीदो फरोख्त मे लिप्त होचुके हैं।क्योंकि वक्फ ऐक्ट किसी भी वक्फ़ की प्रापर्टी को बेचने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।और जो भी इसका किराया आएगा वह मार्केट के हिसाब से होना चाहिए।इन पैसों की कालाबाज़ारी की खातिर माफिया सक्रीय है और वह अपने गुर्गों के ज़रिए इस तरह के कार्यक्रम भी करवाते हैं।
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