शाहिद अंसारी
मुंबई: स्कॉटलैंड यार्ड (मुंबई पुलिस) के हर पुलिस थाने के कुछ न कुछ नए कारनामे चार चांद लगा देते हैं।एक ऐसा ही कारनामा मुंबई के नागपाड़ा पुलिस थाने का सामने आया है जिसकी वजह से नागपाड़ा पुलिस थाना चर्चा में है जल्द ही हो सकता है कि इस कारनामे को लेकर मुबंई पुलिस कमिश्नर इन्हें प्रोत्साहित करेंगे।इस कारनामे को जिसे सुन कर तो पहले आपको यकीन नहीं आएगा और जब यकीन आएगा तो आप कहेंगे “ क्या बात है बरखुरदार वसूली का भी रखते हो हिसाब किताब।“
लंबे समय से Bombay Leaks की इस पड़ताल के बाद आज हम जो खुलासे करने जा रहे हैं वह खुलासे सुबूत के साथ हमारे हाथ लगे है मुंबई के नागपाड़ा पुलिस थाने की हद में चल रहे अवैध कामों को लेकर पुलिस की तरफ़ से जो सहयोग किया जाता है उसके बदले में पुलिस जो रिश्वत और वसूली करती है उसके हिसाब किताब की डायरी होती है।इस डायरी में रोज़ाना कौन सा पुलिसकर्मी किस अवैध काम करने वाले से कितना वसूली करता है इसकी पूरी तफ्सील दर्ज है कई जगहों पर इस रिश्वत और वसूली की पूरी तफ्सील मौजूद है उसके साथ साथ कई वसूली को कोड के तौर पर लिखा गया है।वसूली की यह डायरी Bombay Leaks के हाथ लगी है।
कौन से गोरख धंधे करने के लिए होती है वसूली
तकरीबन 5 लाख की आबादी वाले नागपाड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत चलने वाले गोरखधंधों में मादक पदार्थ की तस्करी,भांग,गांजा,चरस के बेचने और खरीदने वालों से नागपाड़ा पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा रोज़ाना वसूली की जाती है यह वसूली 20 रूपए से लेकर 500 रूपए तक होती है आलम तो यह है कि नागापड़ा पुलिस थाने से बस चंद कदमों के फासले पर स्थित सागर होटल के पास मौजूद पान की दुकान से यह वसूली की शुरुआत होती है और और इलाके में तकरीबन 5000 से ज़्यादा पान की दुकानें हैं जहां भांग की की गोली,गुटखा,चरस की पुड़ी धड़ल्ले से बेची जाती है और इस बात की इजाज़त चंद रूपए के बदले खुद नागपाड़ा पुलिस देती है और बदले में पान की इन दुकानों से वसूली की जाती है और उसका बाकायदा हिसाब किताब भी रखा जाता हैं।ठीक इसी तर्ज़ पर मदनपूरा में फेरी वाले और होटल व्यावसाय जो कि बीफ़ का कारोबार करते है उनसे भी वसूली की जाती है और उसका भी हिसाब किताब डायरी में नोट किया जाता है।
कब की जाती है वसूली
शाम के वक्त कई पुलिस कर्मी अपनी ड्युटी पर खतम कर के घर जाते हैं या ड्युटी शुरू करते हैं उसी दौरान सादे ड्रेस में पुलिस कर्मी इन सब जगहों से वसूली करते हुए डायरी में उसकी इंट्री करते हैं वहां अपनी दस्तेखत भी करते हैं इसमें नागड़पाड़ा पुलिस थाने के कई विभाग के पुलिसकर्मी वसूली करते है इसमें डिटेक्शन,डिस्ट्रिक,गुंडा पथक ऐसे विभाग के नाम के साथ एंट्री की जाती है।इसके साथ साथ कुछ कोड नंबर भी लिखे होते हैं जिनमें तारीख के साथ दस्तेखत की जाती है कहीं कहीं लाल पेन से भी लिखा जाता है।
झोपट्टियों में भी वसूली का हिसाब किताब
50000 लाख की आबादी वाले इस नागपाड़ा पुलिस थाने में झुग्गी झोपड़ियों की भरमार है बीएमस के आकड़े के मुताबिक ई-वार्ड के अंतर्गत फुटपाथ पर 1700 झोपड़े हैं जबकि बीएमसी की ज़मीनों पर 2288 झोपड़े हैं जो कि आज के दौर में मादक पदार्थ बेचने का यह सब से बड़ा अड्डा है इस अड्डे के बारे में पुलिस को जानकारी होते हुए भी यहां धड़ल्ले से चरस बेची जाती है और इसके लिए यहां से पुलिस को मोटी रकम मिलती है यही वजह है कि आए दिन लोगों के विरोध करने के बावजूद पान की दुकान से लेकर झोपड़पट्टियों में बेचे जाने वाले मादक पदार्थ में चरस और एमडी की रोज़ाना खपत ज्यादा हो रही है क्योंकि मोटी रकम वसूले जाने की वजह से पुलिस लोगों के सामने कार्रवाई का ढोंग करती है लेकिन उन्ही तस्करों को बैक डोर से बढ़ावा देने का भी काम करती है और ड्रग्स तस्कर के साथ उनका चोली दामन का रहता है।
कई डायरियों पर वसूली करने वाले पुलिस वालों के नंबर भी लिखे हुए हैं हमने ऐसे ही कुछ नंबरों की पड़ताल की तो पता चला कि यह नंबर नागपाड़ा पुलिस थाने में कार्यरत पुलिस कर्मियों के हैं।उनमें से एक नंबर यह है 9820722674 इस नंबर के बारे में जब हमने पता किया तो पता चला कि यह नंबर नागपाड़ा पुलिस थाने में कार्यरत रमेश सालुँखे नाम के पुलिस कर्मी का है जबकि ऐसी ही एक और डायरी में यह नंबर लिखा हुआ था 9594936143 हमने जब इस नंबर के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि यह नंबर भी नागपाड़ा में कार्यरत एक पुलिस कर्मी का है जिसका नाम सुनील चौहान है।
बिल्कुल इसी तर्ज़ पर एक एक पुलिसकर्मी ने 100 से ज़्यादा जगहें बांट दी गई हैं जिनकी जिम्मेदारी होती है कि वह हर शाम यहां से वसूली करें और वसूली करने के बाद पुलिस थाने आऐं और वसूली का अपना मेहनताना लेकर वसूली के यह पैसे पुलिस थाने के मुख्या के चरणों में समर्पित करें।
हालांकि सीनियर पीआई वसूली के लिए बाहर नहीं निकल सकते लेकिन पुलिसकर्मियों से इस तरह की वसूली करवा कर अपनी तिजोरी भरना यह कहीं न कहीं उनका शोषण भी है कि किस तरह से वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव की वजह से वह वसूली के लिए निकलते हैं और उसकी बाकायदा डायरी ऐंट्री करते हैं।
रोज़ाना लाखों लीटर पानी की चोरी में वसूली
मुंबई के नागपाड़ा पुलिस थाने से प्ले हाउस के पास फुटपाथ पर मौजूद 50 से ज्यादा सर्विस की दुकाने जहां पानी की अवैध लाइन से धड़ल्ले से रोज़ाना लाखों लीटर पानी का इस्तेमाल कर गाडियों को धोने का गोरखधंधा चल रहा है और इसके लिए नागपाड़ा पुलिस थाने के पुलिसकर्मी वसूली कर यहां का भी हिसाब किताब डायरी में लिखते हैं इस तरह से चंद रूपए के लालच और वसूली के चक्कर में बीएमसी का लाखों लीटर पानी चोरी किया जाता है वह भी पुलिस के सहयोग से।ज़हारि सी बात है यह सारी वसूलियां बिना सीनियर पीआई के जानकारी के संभव ही नहीं है पुलिसकर्मियों के ज़रिए वसूली मे मलाई वह खुद खाते होंगे लेकिन हमने जब उनसे बात करने की कोशिश की और मामले में उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो उनके इस जवाब से बहुत हैरानी हुई।
क्या कहते हैं दबंग सीनियर पीआई बस्वत
इस बारे में सीनियर पीआई संजय बस्वत का कहना है कि “ अगर नागपाड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत पुलिस वाले वसूली करते हैं और उसका हिसाब किताब रखा जाता है तो इसमें सीनियर पीआई की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है और इस पर किसी तरह का बयान देना यह ज़रूरी नहीं है वसूली तो पूरी मुंबई मे होती है तो क्या इसके लिए सीनियर पीआई ही मीडिया के सामने अपना पक्ष रखेगा। “
क्या कहते हैं ज़ोनल डीसीपी अखिलेश सिंह
वसूली के इस हिसाब किताब को लेकर ज़ोन 3 के डिसीपी अखिलेश सिंह का कहना है कि “ इस तरह के भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा इसे बंद किया जाएगा और जो भी पुलिसकर्मी इस तरह की वसूली करते हैं उस पर कार्रवाई की जाएगी। “
पिछले साल एमएचबी पुलिस थाने के सीनियर पीआई सुभाष चौहान के घर में हुई छापेमारी के दौरान ACB ने विदेशी शराब,पैसे के साथ साथ वसूली की कई पेज की रेट लिस्ट बरामद की है।इस वसूली की लिस्ट में मुंबई के बांद्रा खार और एम.एच.बी पुलिस थाने में मौजूद डांस बार,पब,डिस्को,होटल,जुए के अड्डे,बिल्डर,अवैध निर्माण,ब्युटी पार्लर,शराब की दुकान,वीडियो गेम पार्लर,मसाज पार्लर इन सारी जगहों से वसूले जाने वाले पैसों का हिसाब किताब लिखा हुआ है।500 से लेकर 5000 तक की वसूली के हिसाब लिखे हैं।ACB के हाथ लगे दस्तावेजों मे पता चला है कि कई सालों की रेट लिस्ट है और इसमें 100 से ज्यादा लोगों के नाम और पते और वसूली की रक़म का जिक्र है।कौन कौन से लोग वसूली के लिे नियुक्त किए गए कौन से पुलिसकर्मी किससे वसूलते हैं और कितना इन सब का नाम के साथ हिसाब किताब लिखा हुआ है।
मुंबई ऐंटी करप्शन ब्युरो ने 30 दिसंबर 2015 को मुंबई के एम.एच.बी पुलिस थाने के सीनियर पीआई को सुभाष चौहान को तीन लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार किया।ACB को मिली शिकायत के बाद ACB ने अपना जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से जैसे ही सीनियर पीआई ने तीन लाख रूपए लिए उसी दौरान वहां मौजूद ACB की टीम ने उसे गिरफ़्तार कर लिया।ACB से मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता की टीम फिल्म की शुटिंग इसी पुलिस थाने के अंतर्गत करते हैं और सीनियिर पीआई हमेशा उनसे रिश्वत तलब करता था लेकिन इस बार रिटाएर होने से पहले ही सीनियर पीआई ने चार लाख की मोटी रक़म मांगी और रिश्वत की रकम लेने के लिए पुलिस थाने से थोड़ी ही दूर आर.सी चर्च के पास अशिर्वाद होटल में बुलाया जिसके बाद शिकायतकर्ता ने ACB को शिकायत की और ACB ने पहले से ही जाल बिछाया और गिरफ़्तार करलिया।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि रिश्वतखोर सुभाष चौहान को रिटाएर होने में बस चंद महीने ही बाक़ी थे इसलिए जैसे जैसे दिन करीब आरहे थे शिकायतकर्ता से रिश्वत की रक़म की ज्यादा मांग करने लगा।यह रक़म इसलिए तलब की जाती थी ताकि वहां शिकायतकर्ता की शुटिंग के दौरान पुलिस जांच के नाम पर परेशान ना करे।हालांकि लंबे समय से शिकायतकर्ता से रक़म की वसूली जारी थी लेकिन जब रिश्वत खोरी की और वसूली की सीमा पार होगई और सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को ही सीनियर पीआई ने काटने की कोशिश की तो मामला ACB तक जा पहुंचा और जो सीनियर पीआई रिटाएर होने से पहले करोडों रूपए जमां करने के सपने देख कर रिश्ववत और वसूली के बाज़ार गरम कर रहा था उसे उसकी लालच ने ही हवालात पहुंचा दिया।
अब नागपाड़ा पुलिस थाने के ज़रिए इस तरह वसूली की लिस्ट का मामला बेनकाब होने के बाद अब देखने वाली बात यह होगी की क्या मुंबई पुलिस कमिश्नर नागपाड़ा के दबंग सीनियर पीआई के इस कार्य को प्रोत्साहित करते हैं या कार्रवाई करते हैं।
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