शाहिद अंसारी
मुंबई : रिश्वत खोरों के दिल में दहशत पैदा करने के लिए यह नाम ही काफी है।प्रवीण दिक्षित जो की एसीबी डीजी का ओहदा संभालते हुए अपना कार्यकाल पूरा करचुके हैं।अब सिर्फ एक दिन बाकी है जब वह राज्य पुलिस डीजी के रूप में तैनात किये जायेंगे।इसलिए अब लोग इस बात का इंतज़ार कररहे हैं की वह जल्द ही डीजी पुलिस की ज़िम्मेदारी संभालें और जिस तरह से एसीबी में रहते हुए रिश्वत खोरों पर सख्त कार्रवाई कर के एक रिकॉर्ड कायम किये बिलकुल उसी तर्ज़ पर पुलिस विभाग में भी बदलाव की लायेंगे।वहीं भ्रष्ट पुलिस वालों के बीच अब दहशत का माहौल बना हुआ है।
इससे पहले एसीबी में कोई शिकायतकर्ता अगर किसी रिश्वत खोर की शिकायत करता था तो उसकी जानकारी तुरंत उस तक पंहुचा दी जाती थी लेकिन प्रवीण दिक्षित के आने के बाद वह सब कुछ बंद हुआ जिससे रिश्वत खोरों के बीच दहशत बन गयी।प्रवीण दिक्षित ने आम लोगों की शिकायत को देखते हुए मोबाइल ऐप्स भी बनाया जिसकी वजह से शिकायतकर्ता को एसीबी कार्यालय नहीं जाना पड़ता था बल्कि खुद एसीबी कर्मी शिकायतकर्ता के पास पहुँच कर उसकी शिकायत रोड पर खड़े होकर दर्ज करने लगे।नतीजा उसका बहुत बेहतर रहा जिसकी वजह से 20 रूपये की रिश्वत वसूल करने वालों को भी एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया।और इस गिरफ़्तारी के बाद छोटे मोटे कारोबार करने वालों के हौसले बढ़ गए और वह अपनी शिकायत सीधे सीधे एसीबी के दफ्तर में जा कर करने लगे।इसी लिए एसीबी की करवायो का आंकड़ा तीन गुना बढ़ गया।
अब एसीबी में डीजी का ओहदा कौन संभालेगा इस बात को भी लेकर चर्चा जरी है लेकिन यह कहना मुश्किल होगा की आने वाले एसीबी डीजी क्या प्रवीण दिक्षित के इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे या एसीबी का पहले के जैसा हल करेंगे।
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