शाहिद अंसारी
मुंबई : मुंबई यूनिवर्सिटी में साल 2011 से लेकर अबतक किसी तरह के हिसाब किताब न होने की वजह से राज्य सरकार ने इस मामले की जांच करने के लिए 3 अधिकारियों पर आधारित एक टीम का गठन किया है जो कि यूनिवर्सिटी में पिछले पांच सालों में हुए घपले को लेकर जांच करेंगा और अपनी रिपोर्ट सरकार के समक्ष पेश करेंगे। इस जांच को लेकर महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी आर शी अहिरे ने सरकुलकर जारी करते हुए जांच के लिए अधिकारियों को नियुक्त करते हुए सरकुलर जारी किया है जिसकी कॉपी Bombay Leaks के पास है।
जानकारी में यह पता चला कि साल 2011-12 कंप्युट्राइजेशन करने में यूनिवर्सिटी का खर्चा बहुत ज्यादा हुआ है जो काम हुआ है उसमें देरी भी हुई है प्राथमिक जांच में उसमें गड़बड़ी पाई गई है इसलिए पब्लिक अकाउंट्स कमेटी ने नाराज़गी जाहिर की थी। यूनिवर्सिटी में SAP-ERP नाम के इस प्रोजेक्ट को लेकर कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों का रवय्या गैर जिम्मेदाराना था जिसको लेकर सरकार ने जांच अधिकारियों को उनके खिलाफ कार्रवाई कर के उनकी रिपोर्ट राज्य सरका और पब्लिक अकाउंट्स कमेटी को सौंपने का आदेश जारी किया है। पिछले 5 सालों से मुबंई विश्वविद्यालय में पैसों को लेकर हिसाब किताब नहीं किया गया जिसको लेकर हुआ प्रिंस्पल अकाउंटेट जनरल (ऑडिट) मुंबई यूनिवर्सिटी को जम कर लताड़ा है। इस जांच के बाद उन लोगों की खैर नहीं जिन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी के अंदर पैसों का बड़े पैमाने पर हेर फेर किया। जांच में यूनिवर्सिटी कर्मचारी और अधिकारियों के बीच साठ गांठ का पर्दा ज़रूर फाश होगा। राज्य सरकार की ओर से जांच टीम का गठन किए जाने के बाद अब उन सब में दहशत का माहैल है।
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