शााहिद अंसारी , मुंबई :
मुंबई मे अक्सर आप की गाडी टोविंग होजाती है और आप तिलमिला उठते हैं और अफसोस जाहिर करते हैं क्योंकि आपने गाडी नो पार्किंग मे खडी कर कानून का उल्लघन किया है जिसके बाद आपको जुर्माना भरना पडता हैं | लेकिन अब अगर आपकी गाडी टो हो जाए तो सबसे पहले आप यह देखिए कि क्या जिस टोविंग वैन नें आपकी गाडी टो की है क्या वह प्रशासन की तरफ से टेंडर के जरिए अलार्ट की गई टोविंग वैन की लिस्ट में है या नहीं |
10 मई 2015 को मुंकेश जैन नाम के एक सोशल वर्कर की बांद्रा हिल रोड से एक्टिवा नंबर MH01 BV 8556 टो होगई क्योंकि उनकी गाडी नो पार्किंग में लगी थी जैन नें अपनी एक्टिवा की 200 रूपए फाइन टोविंग वैन (नंबर MH04 B9531) को दिया और उसके बदले में रसीद नंबर (420) उनको दी गई यह टोविंग वैन क्या प्राशासन की तरफ से अलार्ट किए गए टेंडर में है या नहीं जब इसकी तहकीकात की गई तो पता चला कि यह वैन उस लिस्ट में है ही नहीं मतलब यह गाडी बाहर की है | हिल रोड से टोविंग होने वाली गाडियां बांद्रा ट्राफिक थाने में जमां होती हैं प्राशासन की तरफ से ट्राफिक के 23 डिवीजन के लिए कुल 61 प्राइवेट टोविंग वैंन टेंडर के जरिए अलार्ट की गई हैं | जिनमें बांद्रा के लिए कुल 6 टोविंग वैन अलार्ट की गई हैं जिनके नंबर MH04 B 9523 , MH04 B 9584 , MH04 B 9504 , MH43 B 1033, MH04 B 9528, MH04 B 9543 है इस तरह से देखा जाए तो ऊपर जिस टोविंग वैन से मुंकेश जैन की एक्टिवा टो की गई थी वह इस लिस्ट में है ही नहीं इस से साफ जाहिर होता है कि यह वैन टेंडर के जरिए अलार्ट नहीं की गई बल्कि यह ट्राफिक पुलिस और ठेकेदारों की मिली भगत से बाहरी टोविंग क्रेन की घुसपैठ कर लोगों की गाडियों को टो कर मलाई खाई जाती है |
प्राइवेट टोविंग वैन की जो रसीद मुकेश जैन को दी गई है जिसका नंबर 420 है इस रसीद पर जो ठेकादार का पता लिखा है वह आधा अधूरा इस तरह से लिखा है रिशी टोविंग सेकसिरिया इंड. एसवी रोड मलाड वेस्ट .अब आप इस पते को अगर लेकर इस ठेकेदार के पास जाने की कोशिश करेंगें तो यह आपको मिलना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन है |
इस बारे में वकील और एक्टिविस्ट आभा सिंह नें कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जिस कंपनी और जिस गाडी को टेंडर दिया गया है उसके अलावा अगर किसी दूसरी टोविंग क्रेन से नो पार्किंग की गाडियां टोविंग की जाती है तो यह कोर्ट की अवमानना होगी और मोटर वाहन अधिनियम 127 के तहेत पूरे मामले की डिपार्टमेंटल इंक्वाएरी होनी चाहिए जिसमें सीनियर पीआई डीसीपी और संबधिंत अधिकारियों को जवाब देना होगा क्योंकि टोविंग क्रेन पर मौजूद ड्राइवर बिना वरिष्ठ अधिकारियों की एनओसी के क्रेन नहीं चला सकता |
मामले की जानकारी जब ज्वाइंट सीपी ट्राफिक मिलंद भराम्बें को मिली तो उन्होंने कहा कि यह एक बडी लापरवाही और चूक हैं हम इस मामले में जांच करेंगें और गलती पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करेंगें |
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