शाहिद अंसारी
मुंबई : कलेक्टर लैंड पर करोड़ों की जगह को हथिया कर धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा है। बरकत अली सैलेंसर वाला ने वैशाली बिल्डिंग सी विंग के बगल में करीब 1000 स्क्वैरफिट का अवैध शेड बनाया है जो बाद में इस पूरी जगह की दावेदारी कर के करोड़ों रूपए वसूली की जाएगी। इसने इससे पहले भी इसी तरह का अवैध कबज़ा कर कई लोगों को बेच कर करोड़ों वसूले हैं।
साउथ मुंबई के बीच बसे मज़गांव इलाके में मजगांव तबेला के नाम से मशहूर 2400 स्क्वैरमीटर की इस जगह को लेकर कई लोग दावेदारी कर रहे हैं और इस दावेदारी के चक्कर में किसी एक का इस पर मालिकाना हक न होने की वह से धड़ाधड़ अवैध निर्माण भी किया जा रहा है। दरअसल यह जगह मुंबई कलेक्टर के अधीन है और इसकी लीज़ 2002 में समाप्त हो चुकी है। लीज़ समाप्त होने के बाद से ही कई लोगों ने बहती गंगा में हाथ धोने की कोशिश करते हुए अपनी अपनी दावेदारी ठोकनी शुरु की लेकिन गेंद अबतक किसी एक के भी पाले में नहीं गिरी हालांकि मामला कोर्ट के समक्ष है जबकि कल्केटर की यह लीज़ अब तक रिन्यु नही हुई है। वजह इसकी यह है कि करोड़ों रूपए कलेक्टर टैक्स बकाया है और कोई भी दावेदार अपने जेब से यह बकाया नहीं अदा कर रहा।
हजारों कोरड़ों रूपए की इस क्रीम जगह के फिलहाल कई दावेदार हैं और यहां पर अवैध निर्माण करने वाला कोई भी अपना सिक्का जमाने के लिए किसी एक से साठगाँठ कर के रेंट बिल और दूसरे जरूरी दस्तावेज़ बना कर इस पर अपना अधिकार जमाता है। यहां पर तकरीबन 300 परिवार बसे हैं जबकि हर हफ्ते और हर महीने इसमें इजाफा हो रहा है। यहां से लग कर डीपी रोड जो कि यहां मौजूद टेलीफोन एक्सेचेंज से लकर आखिरी हिस्से तक बनाई गई है जिसके लिए कुछ साल पहले ही मधू चौव्हान के हाथों एमएलसी फंड का उपयोग कर के पेवर ब्लाक लगाया था आज हालत यह है कि यहा पैदल चलने वालों के लिए भी जगह नहीं है क्योंकि अवैध कबज़ा करने वाले लोगों ने रोड तक अपना जाल फैला रखा है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस धड़ल्ले से किए जा रहे इस अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी भी मुखदर्शक बनी हुई है क्योंकि भूमाफिया के साथ साठगाठ में उनकी जेबें भी जमकर गरम की जाती हैं जिसके बदले में वह अपनें आँख कान सब बंद रखते हैं। लेकिन इस मलाई खाने के चक्कर में भूमाफिया समेत बीएमसी विभाग किसी बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं क्योंकि भूमाफियाओं के इस कबज़े से इलाके के लिए बनाई गई रोड पूरी तरह से उनके कबज़े मे जा चुकी है इसलिए अगर अंदर के हिस्से मे अगर किसी तरह का हादसा पेश आता है या आग लगती है तो फाएर की गाड़ियों को वहा तक पहुंचने के लिए जगह ही नहीं है।
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