शाहिद अंसारी
मुंबई : मंजुला की लाश के साथ मामले को दबाने के लिए खुद जेलर मनीषा पोखरकर जेजे हॉस्पिटल पहुंची थी ताकि किसी को कानों कान इस हत्या की ख़बर न हो आलम यह थखा कि भाईखला जेल के जेलर चंद्रकांत इंदूरकर छुट्टी पर थे और अपना बर्थडे मना रहे थे और उससे पहले जेल में खेला गया खूनी खेल।चूंकि इस हत्या की जानाकारी जेल के वरिष्ठ अधिकारियों को पहले से थी लेकिन मामले को दबाने के लिए हर एक हर मुमकिन कोशिश कर रहा था।वहीं इस बात को लेकर थाने जेल के सस्पेंडंड जेलर हीरालाल जाधव ने कहा कि कार्रवाई जेल के डाक्टर के खिलाफ़ भी होनी चाहिए जिसने मंजुला की हत्या के बारे में जानने के बाद भी मामले को दबाने की कोशिश की और गुमराह करने की कोशिश की।
23 जून को मुंबई के भाईखला जेल में मंजुला की हत्या के मामले में गिरफ्तार 6 लोगों को बचाने के लिए जेल प्रशासन और मुंबई के नागपाड़ा पुलिस थाने ने बचाने की पूरी कोशिश की थी।मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने वाले वकील नितिन सतपुते ने बताया कि हत्या करने के बाद पुलिस वालों ने हत्यारो को बचाने की प्लानिंग पहले से ही कर ली थी।हत्या को लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम करने के लिए पूरी सेटिंग कर ली थी।इसके लिए एक ऐसी टीम के ज़रिए पोस्टमार्टम किया गया जो कि जिसमें दो ऐसे क्षात्रों को शामिल किया गया जो अभी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे उन्हें कुछ भी जानकारी तक नहीं थी।पोस्टमार्टम करने वाली टीम के मुख्य चिकित्सक ज़रूर शामिल थे लेकिन पोस्टमार्टम उन क्षात्रों से करवाया गया जो नवसिखिया थे और पुलिस ने उनसे रिपोर्ट अपने हिसाब से बनवाई ताकि उन 6 हत्यारों को बचाया जा सके।और ऐसी रिपोर्ट बनवाई जिस से साबित हो कि मंजुला की मौत मार से नही बल्कि बाथरूम में गिरने की वजह से हुई और उसकी शरीर पर मामूली चोट के निशान हैं।और क्षात्रों का चयन इसलिए पुलिस ने किया की वह सरकारी नहीं हैं और उन पर हास्पिटल प्रशासन कार्रवाई ही नहीं कर सकेगा।पुलिस ने इसी फंडे के तहेत डाक्टर विश्वास रोटे से फर्ज़ी डेथ सर्टिफिकेट भी बनवा लिया उसमें यह तक लिखा गया की मंजुला की मौत हत्या से नहीं बल्कि हादसे से हुई है और जख्म के कोई निशान नहीं मिले।डा. विश्वास रोटे से इस फ़र्ज़ी रिपोर्ट के लिए खुद जेलर चंद्रकांत इंदूरकर ने मुलाकात की थी।
वहीं इस मामले को लेकर जेल अधिकारी स्वाती साठे की भी जांच चल रही थी जो आरोपियों की जांच भी कर रही थीं और जेल कर्मचारियों से उनको बचाने की गुहार भई लगा रही थीं जिसके बाद इस ख़बर को Bombay Leaks ने प्रकाशित किया और साठे ने जांच से अपना नाम वापस ले लिया।
हालांकि आरोपियों को बचाने के लिए बीजेपी एमएलए अशीश शेलार ने भी काफी कोशिश की और पहले ही दिन महाराष्ट्र सदन में चुनावी जुमला बोलते हुए कहा कि इंद्राणी जेल में मंजुला से मसाज करवाती थी इस चुनावी जुमले के बाद सदन में मौजूद सारे विधायकों का शेलार ने जमकर मनोरंजन किया कई विधायक शेलार के इस चुनावी जुमले के बाद पेट पकड़ पकड़ के हंस रहे थे।क्योंकि पहले ही दिन जोक के साथ सदन की शुरुआत ने विधायकों को यह आस जरूर लगा दी की जबतक सदन चलते रहेगा शेलार इस तरह का मनोरंजन करते रहेंगे।
अब लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं आखिर मामले में आरोपियों को बचाने के लिए मुख्य किरदार निभाने वाली स्वाती साठे को कब सस्पेंड किया जाएगा साठे के आचरण को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे।
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